दो शब्द (प्रथम संस्करण)
इस संग्रह में कुल अठारह कविताएँ, जिनमें से पन्द्रह ऐसी हैं जो पहले किसी भी संग्रह में नहीं निकली थीं। केवल तीन रचनाएँ ‘सामधेनी' स?...
एक ऋषि थे, जिनका शिष्य तीर्थाटन करके बहुत दिनों के बाद वापस आया।
संध्या-समय हवन-कर्म से निवृत होकर जब गुरु और शिष्य, ज़रा आराम से, धूनी के आर-पार बैठे, तब गुर...