रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 188

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हस्तलिपि से आरंभ हुई थी न्यूज़ीलैंड की हिंदी पत्रकारिता


न्यूजीलैंड भारतीय पत्रकारिता में हिंदी प्रकाशन का अध्याय आंशिक रूप से ‘द इंडियन टाइम्स’ में 1992 में हस्तलिखित हिंदी रिर्पोटों के प्रकाशन से आरम्भ होता है, तथापि वास्तविक हिंदी प्रकाशन का श्रेय 'भारत-दर्शन' पत्रिका को जाता है चूंकि यही पत्रिका पूर्ण रूप से न्यूजीलैंड का पहला हिंदी प...

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न्यूज़ीलैंड में हिंदी शिक्षण

हिंदी शिक्षण

न्यूज़ीलैंड में हिंदी शिक्षण 1945 से आरंभ हुआ। हिंदी शिक्षण ऑकलैंड में 1945 के आसपास पंडित अमीचन्द्र शर्मा द्वारा आरंभ हुआ था। पंडित अमीचन्द्र शर्मा फीजी से कुछ समय के लिए न्यूज़ीलैंड आए थे। वे मूलतः भारत से थे। फीजी में उन्होंने ‘हिंदी पोथी’ के सफल प्रयोग किए थे। उस सम...

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फीजी हिंदी

फीजी हिंदी की क्र्चा करने से पहले हमें यह समझ लेना चाहिए कि फीजी हिंदी में अनेक देशज शब्दों यानी के वहाँ की फीजियन भाषा के शब्दों का समावेश है और उनका उच्चारण भी उससे प्रभावित है।  फीजियन भाषा जैसे लिखी जाती है, उसे हिंदी की भांति उसी प्रकार नहीं पढ़ा जाता। उदाहरण के तौर पर फीजी का नगर Nadi न...

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भारत-दर्शन की कहानी संपादक की जुबानी

मैं 1988 के अंत में न्यूज़ीलैंड आया था। भारत से स्नातक की शिक्षा के बाद हिंदी-अँग्रेजी दोनों में पत्रकारिता की थी।
न्यूज़ीलैंड आने से पहले तक मैं पंजाब केसरी, दैनिक ट्रिब्यून, विश्व मानव, वीर प्रताप और हरिगंधा के अतिरिकत अनेक-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुका था। मेरी एक छोटी कहानी 'दूसरा रुख' को बरे...

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हिंदी में न्यूज़ीलैंड का माओरी साहित्य


न्यूज़ीलैंड में तीन भाषाएं आधिकारिक रूप से मान्य हैं-- अंग्रेजी, माओरी और सांकेतिक भाषा। हिन्दी न्यूज़ीलैंड में सर्वाधिक बोली जाने वाली पाँचवीं भाषा है।  
माओरी न्यूजीलैंड के मूल निवासी हैं। इनका लोक साहित्य व्यापक है। यूँ तो न्यूज़ीलैंड की हिंदी यात्रा नौ दशकों से भी अधिक की हो चुकी है ल...

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फ़चिनो – जहाँ आधुनिक शिक्षा के संग गूंजती है प्राचीन भाषा की स्वर-लहरी

फ़चिनो स्कूल की स्थापना फरवरी 1997 में एक विशेष उद्देश्य के साथ की गई थी। इसे लंदन के प्रतिष्ठित सेंट जेम्स इंडिपेंडेंट स्कूलों की प्रेरणा से स्थापित किया गया था।.इसकी मूल भावना प्रारंभिक शिक्षा में आध्यात्मिक मूल्यों की पुनर्स्थापना, परंपरागत नैतिकता को संजोए रखना और अनुशासित अध्ययन को बढ़ावा देन...

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ऑकलैंड | नोर्थ आइलैंड, न्यूज़ीलैंड

आइए, इस बार हम आपको ऑकलैंड की सैर करवा दें।
ऑकलैंड का स्काई टॉवर
यदि आप न्यूज़ीलैंड की यात्रा पर आएं और आपने ऑकलैंड का स्काई टॉवर नहीं देखा तो समझिए आप की यात्रा अधूरी ही रह गई। स्काई टॉवर को ऑकलैंड शहर का चिन्हात्मक प्रारूप माना जाता है। 328 मीटर ऊँचा स्काई टॉवर न्यूज़ीलैंड की सबसे ऊंची मानव ...

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The Collected Work of Mahatma Gandhi - Vol 45 - Page 334

The Collected Works of Mahatma Gandhi - Vol 45 - Page 334
पिछले पृष्ठ का शेष भाग - केवल पहला पहरा।

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द्वितीय विश्व हिंदी सम्मेलन, पोर्ट लुइस, मॉरीशस

द्वितीय विश्व हिंदी सम्मेलन 28-30 अगस्त, 1976 को  पोर्ट लुइस, मॉरीशस में आयोजित किया गया था।

मॉरीशस में एक विश्व हिंदी केंद्र की स्थापना की जाए जो सारे विश्व में हिंदी की   गतिविधियों का समन्वय कर सके।
एक अंतरराष्ट्रीय हिंदी पत्रिका का प्रकाशन किया जाए जो भाषा के माध्यम से...

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लोहड़ी - लुप्त होते अर्थ

यह सच है कि आज कोई भी त्यौहार चाहे वह लोहड़ी हो, होली हो या दिवाली हो - भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी धूम-धाम से मनाया जाता है। यह भी सत्य है कि अधिकतर आयोजक व आगंतुक इनके अर्थ, आधार व पृष्ठभूमि से अनभिज्ञ होते हैं। आयोजक एक-दो पृष्ठ के भाषण रट कर अपने ज्ञान का दिखावा कर देते हैं और इस तोता ...

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डा अरून गाँधी से बातचीत

महात्मा गांधी के पौत्र डा अरून गाँधी से बातचीत
गाँधीवाद तो अमर है - डा अरून गाँधी

डरबन दक्षिण अफ्रीका में जन्में, डा अरून गाँधी, मोहनदास कर्मचँद ‘महात्मा' गाँधी के पाँचवें पौत्र हैं। दक्षिण अफ्रीका में अपने बचपन में वे अनेक बार हिंसा से साक्षात्कार कर चुके हैं। दक्षिण अफ्रीका के श्वेत औ...

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स्पष्टीकरण

हाँ, मैंने कहा था--अच्छे दिन आएँगे। कब कहा था, लेकिन --तुम्हारे?
- रोहित कुमार 'हैप्पी'
 

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बात न्यू मीडिया से संबंधित कुछ अटपटे प्रश्न

न्यू मीडिया शिक्षक
दो रोज पहले एक न्यू मीडिया के लैक्चरर साहब को मैंने सम्पर्क किया उनके फेसबुक के संदेश के जरिये - मैंने इसमें अपनी वेब साइट का परिचय भी उन्हें दिया। उनका फोन आया, मुझे प्रसन्नता हुई लेकिन उनका प्रश्न यह था कि 'आपकी पत्रिका का ई-मेल क्या है?'  मैं न्यू मीडिया पढ़ाने वाले...

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हे दयालु ईश मेरे दुख मेरे हर लीजिए | भजन

हे दयालु ईश मेरे दुख मेरे हर लीजिएदूं परीक्षा लंबी कितनी, कुछ तो करुणा कीजिए।हे दयालु ईश मेरे दुख मेरे हर लीजिए ।।
सुख के साथी थे हजारों, दुख में बंधु इक नहीं,संकटों की इस घड़ी में, आप तो सुध लीजिए।हे दयालु ईश मेरे, कुछ तो धीरज दीजिए ।हे दयालु ईश मेरे दुख मेरे हर लीजिए ।।
मांगता ना ज्यादा कुछ भ...

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गिनती

आपको नहीं लगता किगिनती अधूरी है?'गिनती' में शून्य तो आपगिनते ही नहीं। वैसे 'शून्य' के बिना'गिनती' गिनती नहीं।
- रोहित कुमार 'हैप्पी'  ई-मेल: editor@bharatdarshan.co.nz
 
 

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न्यूज़ीलैंड में हिंदी

न्यूज़ीलैंड में हिंदी : एक संक्षिप्त विवरणपृष्ठभूमि
न्यूज़ीलैंड या आओटियारोआ दक्षिण प्रशान्त महासागर में ऑस्ट्रेलिया के 2000 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यह क्षेत्रफल व आकार की दृष्टि से जापान से कुछ छोटा व ब्रिटेन से थोड़ा सा बड़ा कहा जा सकता है। न्यूज़ीलैंड की राजधानी वैलिंगटन है तथा स...

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तृतीय विश्व हिंदी सम्मेलन, नई दिल्ली, भारत

तृतीय विश्व हिंदी सम्मेलन 28-30 अक्टूबर, 1983 नई दिल्ली, भारत में आयोजित किया गया था।
तृतीय विश्व हिंदी सम्मेलन में पारित प्रस्ताव:
अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी के प्रचार-प्रसार की संभावनाओं का पता लगा कर इसके लिए गहन प्रयास किए जाएं। हिंदी के विश्वव्यापी स्वरूप को विकसित करने के‍ लि...

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माँ पर दोहे | मातृ-दिवस

जब तक माँ सिर पै रही बेटा रहा जवान।उठ साया जब तै गया, लगा बुढ़ापा आन॥
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माँ अपनी की आ गई 'रोहित' जब भी याद।उठ पौधों को दे दिया, हमने पानी-खाद॥
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माँ सपने में आ मुझे, पूछे मेरा हाल।दूजी दुनिया में गई, फिर भी मेरा ख्याल॥
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जीवन पूरा ला दिया, पाला सब परिवार।आज उसे मिलती नहीं, घर में रोटी चार॥
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फिजी के प्रधानमंत्री से बातचीत

अन्याय के सामने न झुका हूं, न झुकूंगा - महेन्द्र चौधरी
सात हफ्ते तक एक अनिश्चित घेराबंदी का शिकार रहने के बाद फिजी के अपदस्थ प्रधानमंत्री श्री महेन्द्र चौधरी जब बाहर आए तो शरीर बेहद थका हुआ और कमजोर था। मगर आंखों में चमक कायम थी- प्रतिरोध की। तब से अब तक वक्त ने पलटा खा लिया है। विद्रोही डकैतनुम...

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इंटरनेट नहीं जानते तो साहित्यकार नहीं!

क्या इंटरनेट और फेसबुक जानने-समझने वाले ही हिंदी साहित्यकार हैं? सरकार की माने तो ऐसा ही लगता है। क्योंकि यदि किसी साहित्यकार अथवा हिन्दी प्रेमी को हिन्दी सम्मेलन में शिरकत करना है तो उसे अनिवार्य रूप से ऑनलाइन आवेदन भरना होगा। इसके बिना वह सम्मेलन में हिस्सेदारी नहीं कर पाएगा।
उल्लेखनीय है ...

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कैसे होगी हिंदी की प्रगति और विकास

सम्मेलन के सत्रों का हाल तो कुछ और ही था। प्रत्येक सत्र में पत्रकारों का छायाचित्र लेने या रिकार्डिंग करने पर प्रतिबंध था। वे शायद उद्घाटन व समापन समारोह के लिए ही आमंत्रित किए गए थे। मंच पर बैठे पत्रकार बिरादरी के मित्र भी सरकारी पाले में जाकर सरकारी बातें करने लगे थे, "अरे! इतना बड़ा समारोह...

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राम का नाम बड़ा सुखदाई | भजन

राम का नाम बड़ा सुखदाईतेरे प्रेम में हुआ शौदाई।
कोई तो सिर है लई मुडाईकिसी ने अपनी जटा बड़ाई।
तेरा हरदम ध्यान धरू मैंसब रोगों की तू ही दवाई।
संकट सिर पै आन पड़ै जबतुमने मेरी लाज बचाई।
तू दुख सबके हरने वालातुमको रोहित व्यथा सुनाई।
-रोहित कुमार 'हैप्पी'
[27-08-1996]

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स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता

टीवी पर मतदान संबंधी विज्ञापन देखते ही चिंटू के बाल-मन में प्रश्न उठने लगे। दादाजी को कमरे में आते देख उसने झट से प्रश्न किया,"दादाजी, सबसे पहला वोटर (मतदाता) कौन था?"
"बेटा, स्वतंत्र भारत के सबसे पहले मतदाता का नाम 'श्याम सरन नेगी' है। वे इस समय 100 वर्ष से अधिक की आयु के हैं। वे मूलतः हिमाचल...

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हिंदी

हिंदी उनकी राजनीति है हिंदी इनका हथियार हैहिंदी कईयों का औज़ार है। हिंदी उनके लिए भाषण हैहिंदी इनके लिए जलसा है हिंदी कईयों का नारा है। जरा गिनो तो अनगनितहिंदीवालों में सेकितनों को हिंदी से प्यार है?जरा बताओ तो यह कैसा अनुराग है?
- रोहित कुमार 'हैप्पी'  ई-मेल: ...

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चतुर्थ विश्व हिंदी सम्मेलन, पोर्ट लुइस, मॉरीशस

चतुर्थ विश्व हिंदी सम्मेलन 02-04 दिसम्बर, 1993 को  पोर्ट लुइस, मॉरीशस में आयोजित किया गया था।
चतुर्थ विश्व हिंदी सम्मेलन में पारित प्रस्ताव:

विश्व हिंदी सचिवालय मॉरीशस में स्थापित किया जाए।
भारत में अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय स्थापित किया जाए।
विभिन्न विश्वविद्यालयों में हि...

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रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड का जीवन परिचय