अपनी छवि बनाइ के जो मैं पी के पास गई,
जब छवि देखी पीहू की तो अपनी भूल गई।
छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैंना मिलाइ के
बात अघम कह दीन्हीं रे मोसे नैंना मिलाइ के।

बल बल जाऊँ मैं तोरे रंगरिजवा
अपनी सी रंग दीन्हीं रे मोसे नैंना मिलाइ के।

प्रेम बटी का मदवा पिलाय के मतवारी कर दीन्हीं रे
मोसे नैंना मिलाइ के।

गोरी-गोरी बइयाँ हरी - हरी चुरियाँ
बइयाँ पकर हर लीन्हीं रे मोसे नैंना मिलाइ के।

खुसरो निजाम के बल-बल जइए
मोहे सुहागन कीन्हीं रे मोसे नैंना मिलाइ के।

-अमीर खुसरो