भारत-दर्शन संकलन | Collections साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 74

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लोलुप शृंगाल

एक नदी के किनारे दो भेड़ लड़ रहे थे। क्रोध से दोनों भेड़ दूर हट-हट करके पुनः एकत्र होकर मस्तकों से एक-दूसरे पर प्रहार कर रहे थे। उन दोनों के मस्तक से रुधिर ?...

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बापू का अंतिम दिन - प्यारे लाल

29 जनवरी को सारे दिन गांधीजी को इतना ज्यादा काम रहा कि दिन के आखिर में उन्हें खूब थकान मालूम होने लगी । काँग्रेस-विधान के मसविदे की तरफ इशारा करते हुए, जिसे ?...

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देश के लाल - लाल बहादुर शास्त्री

बात उन दिनों की है जब लालबहादुर शास्त्री देश के प्रधानमंत्री थे व केरल में सूखा पड़ा हुआ था। चावल की खेती पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। लोग चावल के दाने ?...

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बाल-दिवस | कविता

भोले भाले बालक सारे। हैं चाचा नेहरू के प्यारे ।।
सूरज चन्दा बन कर चमकें-
दूर करें हम अंधियारो को।

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साबरमती के सन्त | कवि प्रदीप

दे दी हमें आज़ादी बिना खड्‌ग बिना ढाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
आँधी में भी जलती रही गाँधी तेरी मशाल

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माओरी कहावतें (6-10)

E tino mōhio ai te tāngata ki te tāngata me mōhio anō ki te reo me ngā tikanga taua tāngata.
To know people well, one needs to know their language and customs.
लोगों को अच्छी तरह से जानने के लिए उनकी भाषा और रीति-रिवाजों को जानना आवश्यक है।

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महात्मा गांधी के जीवन के अंतिम 48 घंटों की झलकियां -वी कल्याणम

बृहस्पतिवार, 29 जनवरी, 1948 गांधीजी के लिये गतिविधियों से भरा व्यस्त दिन था। दिन ढलने तक वे थक कर निढाल हो गए थे। उन्हें चक्कर आ रहे थे। “फिर भी मुझे यह पूरा क?...

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शास्त्री जी की खरीदारी

एक बार पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री एक कपड़े की एक दुकान में साड़ियाँ खरीदने गए। दुकान का मालिक शास्त्री जी को देख प्रसन्न हो गया। उसने उनके आ?...

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भगत सिंह - गीत

फांसी का झूला झूल गया मर्दाना भगत सिंह ।
दुनियां को सबक दे गया मस्ताना भगत सिंह ।।
फांसी का झूला......

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प्राण वन्देमातरम्

हम भारतीयों का सदा है, प्राण वन्देमातरम्।
हम भूल सकते है नही शुभ तान वन्देमातरम्॥
देश के ही अन्नजल से बन सका यह खून है।

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चाचा नेहरू, तुम्हें प्रणाम | बाल-दिवस कविता

तुमने किया स्वदेश स्वतंत्र, फूंका देश-प्रेम का मन्त्र,
आजादी के दीवानों में पाया पावन यश अभिराम !
चाचा नेहरू, तुम्हें प्रणाम !

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माओरी कहावतें (10-15)

He manako te kōura i kore ai
Wishing for the crayfish won’t bring it.
केवल कामना करने भर से परिणाम नहीं आते।

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प्रेमचंद का कोट | प्रेमचंद के किस्से

प्रेमचंद सादगी से रहते थे। उनका कोट पुराना हो चुका था और फट भी गया था, लेकिन वे उसी को पहने रहते थे।
उनकी पत्नी शिवरानी देवी ने कई बार उनसे नया कोट बनवाने क?...

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गांधी को श्रद्धांजलि

30 जनवरी 1948 के सूर्यास्त के साथ पंडित नेहरु को लगा कि हमारे जीवन से प्रकाश चला गया है। चारों ओर अंधकार व्याप्त है। लेकिन दूसरे ही क्षण सत्य प्रकट हुआ और नेह?...

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देश के लाल - लाल बहादुर शास्त्री

एक छोटा बालक अपने साधियों के साथ गंगा नदी के पार मेला देखने गया। शाम को वापस लौटते समय जब सभी दोस्त नदी किनारे जाने लगे तो उस बालक को आभास हुआ कि उसके पास न?...

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शहीद भगत सिंह

भारत के लिये तू हुआ बलिदान भगत सिंह ।
था तुझको मुल्को-कौम का अभिमान भगत सिंह ।।
वह दर्द तेरे दिल में वतन का समा गया ।

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छीन सकती है नहीं सरकार वन्देमातरम्

छीन सकती है नहीं सरकार वन्देमातरम् ।
हम गरीबों के गले का हार वन्देमातरन् ॥१॥
सर चढ़ों के सर में चक्कर उस समय आता जरूर ।

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माओरी कहावतें (16-20)

Ahakoa he iti kete, he iti nā te aroha.
It is the thought that counts.
व्यक्ति अपने विचारों से जाना जाता है अर्थात आपके विचार मायने रखते हैं।

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शिवरानी के नाम: प्रेमचंद के पत्र | प्रेमचंद के किस्से

प्रेमचंद का अपनी पत्नी शिवरानी देवी से अटूट अनुराग था। प्रेमचंद जब फ़िल्मी दुनिया में लिखने के लिए मुंबई गए तो वे अकेले ही गए थे। वहाँ से उन्होंने अपनी प?...

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शास्त्रीजी - कमलाप्रसाद चौरसिया | कविता

पैदा हुआ उसी दिन,
जिस दिन बापू ने था जन्म लिया
भारत-पाक युद्ध में जिसने

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शब्द वन्देमातरम्

फ़ैला जहाँ में शोर मित्रो! शब्द वन्देमातरम्।
हिंद हो या मुसलमान सब कहते वन्देमातरम्॥
उत्पन्न हुये इस भूमि पर धर्म का रक्षण करो।

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नेहरू-स्मृति-गीत | बाल-दिवस कविता

जन्म-दिवस पर नेहरू चाचा, याद तुम्हारी आई।
भारत माँ के रखवारे थे, हम सब बच्चों के प्यारे थे,
दया-प्रेम मन मे धारे थे।

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भाग आए थे प्रेमचंद मायानगरी से | प्रेमचंद के किस्से

प्रेमचंद के एक मित्र थे देवनारायण द्विवेदी। उन्हें एक बार मुंबई की एक फ़िल्म कंपनी से बुलावा आया लेकिन वे किसी कारणवश जा नहीं पाए।
कुछ समय बाद प्रेमचंद ?...

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दो अक्टूबर - रत्न चंद 'रत्नेश' | कविता

लाल बहादुर, महात्मा गांधी
लेकर आए ऐसी आंधी
कायाकल्प हुआ देश का

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नेहरू चाचा | बाल-दिवस कविता

सब नेताओ से न्यारे तुम, बच्चो को सबसे प्यारे तुम,
कितने ही तूफान आ गए, लेकिन कभी नहीं हारे तुम ।
आजादी की लड़ी लड़ाई, बिना तमक, बिना तमाचा,

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भारत-दर्शन संकलन | Collections का जीवन परिचय