पीर के गीत तो अनकहे रह गए पर कथन की कथा हिचकियाँ कह गईं। आँसुओं का ज़हर वक्त ने पी लियापर नयन की कथा पुतलियाँ कह गई।
सुरमई रंग है भव्य आकार है मोतियों से जड़ा चन्दनी द्वार है जिसके आँगन में पर भ्रम की दीवार है उस भवन की कथा खिड़कियाँ कह गईं।
युग-युगों से निर...
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