श्रवण राही
6 जनवरी 1945 को उत्तर प्रदेश के एटा ज़िले के ग्राम सोरा में जन्मे श्रवण राही को गीतों का राजकुमार कहा जाता है। उनके गीत हृदय में कहीं गहरे तक उतर जाते हैं। स्नातकोत्तर तक शिक्षा प्राप्त कर आपने भारतीय सेना के माध्यम से देश की सेवा की।
22 मार्च 2008 को होली के दिन एक कवि-सम्मेलन में कविता पढ़ने के कुछ क्षणों पश्चात आपका निधन हो गया।
आपके दो कविता संग्रह ‘आस्थाओं के पथ’ और ‘पीर की बाँसुरी’ प्रकाशित हुए हैं।