पिता की मृत्यु के बाद के सारे कार्य संपन्न हो चुके थे। अब तेरहवीं होनी थी और अगले दिन मुझे नौकरी पर वापस ग्वालियर रवाना हो जाना था.. बस एक ही डर बार बार मुझे ...
सोनू की बंदूक उस तरह की बंदूक नहीं थी जैसी घर घर में बच्चे प्लास्टिक या लोहे की बंदूक से खेलते रहते हैं..। दरअसल सोनू अपनी दोनों हथेलियों को आपस मे गूंथकर द...