जैसे मेरे हैं, वैसे सबके हों प्रभुउसने सिर्फ आँखें नहीं दी,दृष्टि भी दी,चारों तरफ अंधकार हुआ,दे दिया ,ह्रदय में मणि का प्रकाश,सुरंग थी, खाईयां थी और अंधेरी सर्पीली घाटियां,तो मन में दे दिया,अनंत आकाश।
इधर थी बाधाएं, चुनौतियाँ तो उधर दे दिए संकल्प, बेपनाह आत्मविश्वासदस रास्ते बंद किए,तो सौ द्वार ...
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