बेटी ने देश की मिट्टी उठाई एक बोतल में रख
मखमली चादर के नीचे दर्द के पैबंद हैं आपसी रिश्तों के पीछे भी कई अनुबंध हैं। दोस्त बन दुश्मन मिले किसका भरोसा कीजिए
कुछ न किसी से कहें जनाब अच्छा है चुप रहें जनाब दुनिया बेहद जालिम है
ज़िन्दगी इतनी भी आसान नहीं कौन है जो कि परेशान नहीं जिसके दामन में हों खुशियाँ-खुशियाँ
जाने कितनी बातें लिख दीं तेरे नाम इश्क में डूबीं रातें लिख दीं तेरे नाम फूलों की खुशबू से महकी-महकी सी
नहीं चाहिए मुझको ट्यूटर माँ मुझको ला दे कम्प्यूटर। कम्प्यूटर में ज्ञान है सारा
तेरी मेरी कुट्टी लाल नीले पीले ईस्टर एग्ज़ रंगीले
सबके अपने-अपने ग़म कुछ के ज़्यादा, कुछ के कम दिल पे ऐसी गुज़री है
ये किस्सा है सांवली सलोनी, बड़ी-बड़ी आँखों वाली, कान्वेंट में पढ़ी लिखी, अंग्रेजी हिंदी दोनों भाषाओ में निपुण, आकर्षक महिला श्यामली जीजी का। श्यामली, जब मैं ?...