ज़िन्दगी इतनी भी आसान नहीं
कौन है जो कि परेशान नहीं
जिसके दामन में हों खुशियाँ-खुशियाँ
ऐसा मिलता कोई इंसान नहीं
लेके दिल में जो सकूँ रहते हैं,
उनको भी बख्शते तूफ़ान नहीं
बन के सूरज जो खिला करते हैं
रात के साए से अनजान नहीं
ग़म की स्याही उड़ेलते हैं जो
साफ़ उनके भी गिरेबान नहीं
किससे अब उनकी शिकायत करिये
दोस्त अपने हैं, वो हैवान नहीं
ज़िन्दगी इतनी भी आसान नहीं
कौन है जो कि परेशान नहीं
-रेखा राजवंशी, ऑस्ट्रेलिया