कूड़े के ढेर सेकुछ चुनते हुए बच्चे को देखएक चित्रकार नेकरूणामय चित्र बना डाला।
कवि नेएक मार्मिक रचनारच डाली।
एक कहानीकार ने'उसी बच्चे' परकालजयीकहानी कही।
जनता नेप्रदर्शनी में चित्र,मंच पर कविता,औरपत्रिका में छपीकहानी को ख़ूब सराहा।
पर उस बच्चे ने--चित्र, कविता और कहानी से क्या पाया?
वो अब भी...
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