रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 180

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छोटी कविताएं

इस पृष्ठ पर रोहित कुमार हैप्पी की छोटी कविताएं संकलित की गयी हैं। 
कवि 
तुम्हारी कलम मेंवो 'पीर' नहीं। तुमने शब्द गढ़े,जीये नहीं। तुम कवि तो हुएकबीर नहीं! 
- रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
स्पष्टीकरण 
हाँ, मैंने कहा था--अच्छे दिन आएँगे। कब कहा था, लेकिन -...

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कवि

तुम्हारी कलम मेंवो 'पीर' नहीं। तुमने शब्द गढ़े,जीये नहीं। तुम कवि तो हुएकबीर नहीं!
- रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
 

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कुछ मीठे, कुछ खट्टे अनुभव : 10वां विश्व हिंदी सम्मेलन

विश्व हिंदी सम्मेलन भव्य था। इसकी सराहना भी हुई, विरोध भी, आलोचना भी और जैसा कि होता आया है यह विवादों से परे भी नहीं था।
सम्मेलन आरम्भ होने से पहले ही यह विवादों के घेरे में आ गया था। इसका प्रतीक चिन्ह, इसकी वेब साइट और सरकारी कार्यप्रणाली! इन सब का विरोध व आलोचना पहले से ही शुरू हो गई थी। आइए...

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विश्व हिंदी सम्मेलन : आदि से अंत

दसवां विश्व हिंदी सम्मेलन 10-12 सितंबर 2015 तक भोपाल में आयोजित किया गया। यह सम्मेलन 32 वर्ष पश्चात् भारत में आयोजित किया गया था।
8 सितंबर को दसवें विश्व हिंदी सम्मेलन स्थल (माखनलाल चतुर्वेदी नगर) पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने  'हिंदी कल, आज और कल' प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी...

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हमारी इंटरनेट और न्यू मीडिया समझ

हमारी इंटरनेट और न्यू मीडिया समझ पर संकलित आलेख।
 
 

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हमारे हिंदी पत्र समूहों की इंटरनेट समझ

दैनिक भास्कर (जून 16, 2015) में एक समाचार प्रकाशित हुआ, "EXCLUSIVE: भारत की साख पर GOOGLE का 'फन'। पहली बात तो यह है कि शीर्षक में जो 'अंग्रेज़ी-हिंदी' की खिचड़ी पकाई है वह किस तरह की भाषा के स्तर का प्रतिनिधित्व करती है? क्या हिंदी शब्दकोश इतना दिवालिया हो गया है कि दैनिक भास्कर वाले एक शीर्ष...

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जाने भी दो....चाँद में भी दाग होता है

कौन मेक्ग्रेगर, कौन वरान्निकोव?
भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में आयोजित दसवां विश्व हिंदी सम्मेलन (सितंबर 10-12) नि:संदेह भव्य था। इसकी भव्यता के दर्शन एअरपोर्ट से एअरपोर्ट से दिखने आरम्भ हो गए थे। मोदीजी के बड़ी-तस्वीरें लगी थी। होटल की राह पकड़ी तो झीलों की नगरी में स्वागत करती मोदीजी की एक और ...

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कलयुग में गर होते राम

अच्छे युग में हुए थे रामकलयुग में गर होते रामबहुत कठिन हो जाते काम!गर दशरथ बनवास सुनातेजाते राम, ना जाने जातेदशरथ वहीं ढेर हो जाते।कलयुग में गर होते राम, बहुत कठिन हो जाते काम!
गर जाना ही बन पड़ जातालछमन साथ कभी ना जाताराम अकेला ही रह जाता।सीता साथ चली भी जातीबन के दुख सहन ना पातीलौट के महलों मे...

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नये बरस में

नये बरस में कोई बात नयी चल कर लेंतुम ने प्रेम की लिखी है कथायें तो बहुतकिसी बेबस के दिल की 'आह' जाके चल सुन लेंतू अगर साथ चले जाके उसका ग़म हर लेंनये बरस में कोई बात नयी चल कर लें.....
नये बरस की दावतें हैं, जश्न हैं मनतेशहर की रोशनी में गुम हैं सभी अपने मेंकई घरों में मगर चूल्हे तक नहीं जलतेवहा...

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पथ से भटक गया था राम | भजन

पथ से भटक गया था राम नादानी में हुआ ये काम छोड़ गए सब संगी साथीसंकट में प्रभु तुम लो थाम तू सबके दुःख हरने वालाबिगड़े संवारे सबके काम तेरा हर पल ध्यान धरुं मैंऐसा पिला दे प्रेम का जाम
- रोहित कुमार 'हैप्पी'
[ 27-06-96]
 
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[उपरोक्त का दूसरा संस्करण]
पथ से भटक गया मैं राम...

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कब लोगे अवतार हमारी धरती पर

फैला है अंधकार हमारी धरती परहर जन है लाचार हमारी धरती परहे देव! धरा है पूछ रही...कब लोगे अवतार हमारी धरती पर !
तुम तो कहते थे धर्म की हानि होगी जब-जबहर लोगे तुम पाप धरा के आओगे तुम तब-तबजरा सुनों कि त्राहि-त्राहि चारों ओर से होती हैकब लोगे अवतार हमारी धरती पर !
सीता झेल रही संताप रोके रुके नहीं...

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कहानी गिरमिट की

फीज़ी में अनुबंधित श्रम 

दीनबंधु सी. एफ. एंड्रयूज़ ने दक्षिण अफ्रीका व फीज़ी में बसे अनुबंधित श्रमिकों के लिए बहुत काम किया। वे सितंबर 1915 में अपने एक साथी 'डब्ल्यू. डब्ल्यू. पियरसन' के साथ फीज़ी के शर्तबंध मज़दूरों (Indentured Labourers) की परिस्थितयों की जानकारी लेने फीज़ी गये थे।
फीज...

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होली से मिलते जुलते त्योहार


भारत व पड़ोसी देशों में तो होली मनाई ही जाती है। विश्व के कई देशों में होली-फाग से मिलते जुलते-त्योहार मनाये जाते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के ब्रिज़बन (Brisbane) नगर से 300 किमी दूर चिनचिला में 'चिनचिला मेलन फेस्टिवल' होता है। हर ओर तरबूज ही तरबूज। कहीं तरबूजों को जूतों की तरह पहन कर लोग दौड़ते ह...

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हिंदी पत्रकारिता में भाषा की शुद्धता

पत्रकारिता में भाषा की पकड़, शब्दों का चयन व प्रस्तुति बहुत महत्वपूर्ण है। पत्रकारिता में निःसंदेह समाचार की समझ, भाषा की शुद्धता व वाक्य विन्यास आवश्यक तत्व हैं।
यदि समाचारपत्रों की चर्चा करें तो भारत में सबसे अधिक पाठक वर्ग हिंदी के समाचारपत्रों का है। हिंदी मीडिया अपने विभिन्न माध्यमों के स...

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हिंदी के बारे में कुछ तथ्य


सरहपाद को अपभ्रंश का पहला आदि कवि कहा जा सकता है। खुसरो से कहीं पहले सरहपाद का अस्तित्व सामने आता है। राहुल सांकृत्यायन के अनुसार अपभ्रंश की पहली कृति 'सरह के दोहों' के रूप में उपलब्ध है। [ राहुल सांकृत्यायन कृत दोहा-कोश से]
1283 खुसरो की पहेली व मुकरी प्रकाश में आईं जो आज भी प्रचलित हैं।
हिं...

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रंग दे बसंती चोला गीत का इतिहास

'रंग दे बसंती चोला' अत्यंत लोकप्रिय देश-भक्ति गीत है। यह गीत किसने रचा? इसके बारे में बहुत से लोगों की जिज्ञासा है और वे समय-समय पर यह प्रश्न पूछते रहते हैं।
'यह गीत किसने लिखा?' इसका उत्तर जानने के लिए हमें इसका इतिहास खंगालना होगा। इस गीत के दो संस्करण है, जिस गीत से अधिकतर लोग परिचित हैं व...

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ज्ञान का पाठ

डॉ० कलाम को समर्पित....
ज्ञान का पाठ उसने पढ़ाया हमेंख्वाब भी लेना उसने सिखाया हमें
मन के आंगन में छाई जो काली घटागीत अभियान का गा सुनाया हमें
ख़ास होकर भी वो आदमी आम था सादगी क्या है उसने बताया हमें
उसने गीता पढ़ी, और पढ़ी थी कुरांधर्म इंसानियत का पढ़ाया हमें
जब तलक सांस है कर्म करते रहोजात...

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किसे नहीं है बोलो ग़म

साँसों में है जब तक दमकिसे नहीं है बोलो ग़म!
हँस-हँस यूं तो बोल रहे होपर आँखें हैं क्योकर नम !
उठो, इरादे करो बुलंद तूफ़ाँ भी जाएँगे थम !
चट्टानों से रखो इरादे तुम्हें डिगा दे किसमें दम!
कितनी भी बाधाएं आएंआत्म-शक्ति हो न कम!
उदय हो रहा सूरज देखोकहाँ बचेगा बोलो तम !
- रोहित कुमार 'हैप्पी'
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पहचान

अपनी गलीमोहल्ला अपना,अपनी बाणीखाना अपना,थी अपनी भी इक पहचान।
महानगर में बसे हुए हैंबड़े-बड़े हैं सभी मकान,फ़ीकी हँसी लबों पर रखतेसुंदर डाले हैं परिधान,भीड़भाड़ में ढूँढ रहे हैंखोई हुई अपनी पहचान।
- रोहित कुमार 'हैप्पी'

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डिजिटल इंडिया | हास्य-व्यंग

वर्मा जी ने फेसबुक पर स्टेटस लिखा -'Enjoying in Dubai with family!'साथ में...पूरे परिवार का फोटो अपलोड किया था!
एक सप्ताह बाद लौटे तो पाया -चोरों ने पूरा घर साफ़ कर दिया !
वर्मा जी ने देखते ही ‘फेसबुक' पर लिखा -‘So sad! चोरों ने पूरा घर साफ़ कर दिया !'
फेसबकियों ने कमेंट्स दे-दे कर...

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हिंदी वेब मीडिया | Web Hindi Journalism

क्या आप जानते हैं - वेब पर हिन्दी प्रकाशन और पत्रकारिता का आरंभ कब और कहाँ से हुआ? इंटरनेट पर हिंदी का पहला प्रकाशन कौनसा था? 

इंटरनेट की पहली हिंदी पत्रिका न्यूज़ीलैंड से प्रकाशित 'भारत-दर्शन' थी जिसका वेब संस्करण 1997 में उपलब्ध करवाया गया, इसके साथ ही पत्रिका को 'इंटरनेट पर विश्व का ...

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विंग कमांडर अभिनंदन

विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान (Wg Cdr V Abhinandan) भारतीय वायुसेना के पायलट हैं। आपका जन्म-दिवस 21 जून को होता है।

आपका पूरा नाम 'अभिनंदन वर्तमान' ( Abhinandan Varthaman) है। हिन्दी में आपका नाम, 'अभिनंदन वर्तमान' बोला जाता जबकि दक्षिण भारत में आपका नाम, 'अभिनंदन वर्थमान' बोला जाएगा। दक्षि...

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मुक़ाबला

दमदार ने पूरे दम से जान लड़ा दी मंज़िल पाने को,
और...दुमदार ने केवल दुम हिला दी मंज़िल हथियाने को।
- रोहित कुमार 'हैप्पी'
 

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खेल का खेल

हार और जीत भोगते हैं तीनों ही - अनाड़ी, जुगाड़ी और खिलाड़ी। अनाड़ी को हारने परआती है शर्म।
जुगाड़ी गुस्साता है, लेकिनखिलाड़ी हार से भी कुछ नया सीख जाता है;इसलिए हारकर भी जीत जाता है।
खेल हार-जीत में नहीं है खेल ये है कि आप -खेल खेलते हैं।
- रोहित कुमार 'हैप्पी'
 

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एकता का बल


न्यूज़ीलैंड!कठिन घड़ी में दिखा दिया तुमने,‘एकता का बल'। रह गया हमलावर दिल मसोस, हाथ मल-निःसंदेह विफल!
-रोहित कुमार ‘हैप्पी', न्यूज़ीलैंड
[ 15 मार्च 2019 को न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च नगर में हुए आतंकी हमले में 50 निर्दोष लोग मारे - उन्हीं को समर्पित यह रचना]
 

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रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड का जीवन परिचय