हार और जीत
भोगते हैं तीनों ही - अनाड़ी, जुगाड़ी और खिलाड़ी।
अनाड़ी को हारने पर
आती है शर्म।
जुगाड़ी
गुस्साता है,
लेकिन
खिलाड़ी हार से भी
कुछ नया
सीख जाता है;
इसलिए
हारकर भी जीत जाता है।
खेल हार-जीत में नहीं है
खेल ये है कि आप -
खेल खेलते हैं।
- रोहित कुमार 'हैप्पी'