मुस्लिम शासन में हिंदी फारसी के साथ-साथ चलती रही पर कंपनी सरकार ने एक ओर फारसी पर हाथ साफ किया तो दूसरी ओर हिंदी पर। - चंद्रबली पांडेय।

गैर (कथा-कहानी)

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रचनाकार: जोगेंदर पाल

मुझे अपने आप पर शक होने लगा है। मैं कोई और हो गया हूँ।

-जोगेंदर पाल 
[संपादक – बलराम, भारतीय लघुकथा कोश (भाग-2), दिनमान प्रकाशन,  1990]

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