जिस देश को अपनी भाषा और अपने साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। - देशरत्न डॉ. राजेन्द्रप्रसाद।

नींव का पत्थर (विविध)

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Author: मुनि नथमल

यह निर्णय तुम्हीं को करना है कि तुम नींव का पत्थर बनना चाहते हो या ध्वज ?
जबकि --

नींव का पत्थर आधार होता है, ध्वज प्रतीक।

नींव का पत्थर अदृश्यमान होता है, ध्वज दृश्यमान।

नींव का पत्थर अचल होता है, ध्वज चलाचल।

-मुनि नथमल

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