जन-जन ने हैं दीप जलाए
लाखों और हजारों ही
धरती पर आकाश आ गया
सेना लिए सितारों की
छुप गई हर दीपक के नीचे
देखो आज अमावस काली
सुंदर-सुंदर दीपों वाली
झिलमिल आई है दीवाली
[भारत-दर्शन संकलन]
झिलमिल आई है दीवाली (काव्य) |
जन-जन ने हैं दीप जलाए
लाखों और हजारों ही
धरती पर आकाश आ गया
सेना लिए सितारों की
छुप गई हर दीपक के नीचे
देखो आज अमावस काली
सुंदर-सुंदर दीपों वाली
झिलमिल आई है दीवाली
[भारत-दर्शन संकलन]