जिस देश को अपनी भाषा और अपने साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। - देशरत्न डॉ. राजेन्द्रप्रसाद।
भैया-बहना | बाल कविता (बाल-साहित्य )  Click to print this content  
Author:अमिश भट्ट

समय से सोता राजू भैया
समय से सोती मिनी बहेना
समय से ही दोनों उठ जाते
झट पट हो तैयार हैं जाते

फिर वे जल्दी नाश्ता खाते
जिससे वे हैं पोषण पाते
फिर वे दोनों स्कूल हैं जाते
वहां बहुत सी शिक्षा पाते
स्कूल से वापस घर हैं आते
खाना खाकर खेलने जाते


- अमिश भट्ट
ई-मेल: amishbhat04@gmail.com

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