देख लिया ग़ैर को अपना बना के छोड़ गया हमको ख़ाक में मिला के ख़ोजा बहुत उसे मिल भी गया वो चलता बना हाय वो नज़रें चुरा के ना रातों को नींदें, ना दिन को सकूं है मिला क्या हमें हाय दिल को लगा के खुद भी जला वो, हमें भी जलाया मिला क्या उसे ऐसी आग लगा के
- रोहित कुमार 'हैप्पी' |