मुस्लिम शासन में हिंदी फारसी के साथ-साथ चलती रही पर कंपनी सरकार ने एक ओर फारसी पर हाथ साफ किया तो दूसरी ओर हिंदी पर। - चंद्रबली पांडेय।
अपना जीवन.... | ग़ज़ल (काव्य)    Print  
Author:कुँअर बेचैन
 

अपना जीवन निहाल कर लेते
औरों का भी ख़याल कर लेते

जब भी पूछो हो हमसे पूछो हो
आज ख़ुद से सवाल कर लेते

दिल पे जादू है बस मुहब्बत का
आप भी यह कमाल कर लेते

गर न उन पर नजर तेरी होती
लोग क्या अपना हाल कर लेते

मौत के जाल से निकलते तो
ज़िंदगी को बहाल कर लेते

ए 'कुँअर' ख़ुद पे भी नज़र रखते
अपनी भी देखभाल कर लेते

- कुअँर बेचैन

 

Back
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें