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जनवरी-फरवरी 2020

Released: January 2020

जनवरी-फरवरी 2020

इस अंक की कुल रचनाएँ : 69

हिंदी की दुर्लभ कहानियां व कविताएं जो अन्यत्र उपलब्ध नहीं। कथा-कहानी के अतिरिक्त पढ़िए - कविताएँ, गीत, दोहे, ग़ज़लें, आलेख, व्यंग्य, लघु-कथाएं व बाल-साहित्य।

इस अंक के बारे में विस्तृत जानकारी पढ़ें [ i ]

पिछले वर्ष 'भारत-दर्शन' के 10 लाख से भी अधिक पृष्ठ हर मास पढ़े जाते रहे हैं, इस स्नेह के लिए हम आपके आभारी हैं।  हमें विश्वास है कि इस वर्ष भी आपका स्नेह मिलता रहेगा। पुनश्च आभार। 

भारत-दर्शन का इस वर्ष का प्रवेशांक इस बार प्रशांत के साहित्य पर केंद्रित है। प्रशांत में तीन देश न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और फीजी ऐसे देश हैं जहां हिंदी में सृजन हो रहा है और दशकों से हो रहा है लेकिन फिर भी उनके हिंदी साहित्य को एक प्रबल पहचान मिलना जैसे अभी शेष है। 

इस बार इन्हीं न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और फीजी के साहित्यकारों व उनके साहित्य को प्रमुखता से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।  हमने एक पहल की है कि इन देशों के साहित्यकार एक मंच पर आएं और भारत-दर्शन के माध्यम से विश्व को अपना हिंदी साहित्य उपलब्ध करवाते हुए अपना पक्ष रखें। 

इस बार न्यूज़ीलैंड से स्व. महेन्द्र चन्द्र विनोद शर्मा की कहानी, प्रीता व्यास, दिनेश भारद्वाज, पुष्पा भारद्वाज-वुड, राजीव वाधवा, सुनीता शर्मा  की कविताएं, रोहित कुमार हैप्पी का काव्य, आलेख और साक्षात्कार, सोमनाथ गुप्ता की ग़ज़लें प्रकाशित की हैं। 

ऑस्ट्रेलिया की रीता कौशल, रेखा राजवंशी, अब्बास रजा अल्वी, हरिहर झा और विजय कुमार सिंह की रचनाएं सम्मिलित की हैं।   

फीजी से कमला प्रसाद मिश्र, जोगिन्द्र सिंह कंवल, अमरजीत कौर, सुभाशनी लता कुमार और जैनन प्रसाद की रचनायें पढ़ी जा सकती हैं।  हम पहली बार 'भारत-दर्शन' पर सुभाशनी लता की 'फीजी हिंदी' में लघुकथा 'फंदा' प्रकाशित कर रहे हैं।  इस फीजी हिंदी 'लघुकथा' पर आपकी टिप्पणियां विशेष रूप से वांछनीय हैं।  

मॉरीशस के अभिमन्यु अनत की लघु कथा और ब्रिटेन के प्रवासी कथाकार और बीबीसी की हिंदी सेवा के दिग्गज रहे कैलाश बुधवार की कहानी और मोहन राणा की कविताएं पठनीय हैं।  

उपरोक्त के अतिरिक्त काव्य, लोक कथाएं, लघु कथाएं, आलेख, साक्षात्कार और दोहे तो हर बार की तरह प्रकाशित किए ही गए हैं।   

यह मेरी मातृभूमि है
कथा-कहानियाँ — मुंशी प्रेमचंद
देसियों के विदेशी बुखार
विविध — रीता कौशल | ऑस्ट्रेलिया
प्रवासी की माँ
कथा-कहानियाँ — रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड
तमाशा खत्म
कथा-कहानियाँ — कैलाश बुधवार
उज्ज्वल भविष्य
कथा-कहानियाँ — महेन्द्र चन्द्र विनोद शर्मा | फीजी व न्यूज़ीलैंड
देश की मिट्टी | कविता
काव्य — रेखा राजवंशी | ऑस्ट्रेलिया
रंगीन पतंगें
काव्य — अब्बास रज़ा अल्वी | ऑस्ट्रेलिया
यथार्थ
काव्य — रीता कौशल | ऑस्ट्रेलिया
अन्वेषण
काव्य — रामनरेश त्रिपाठी
रामनरेश त्रिपाठी के नीति के दोहे
काव्य — रामनरेश त्रिपाठी
अवसर नहीं मिला
काव्य — कमला प्रसाद मिश्र | फीजी | Kamla Prasad Mishra
चलो चलें उस पार
काव्य — अमरजीत कौर कंवल | फीजी
कभी गिरमिट की आई गुलामी
काव्य — जोगिन्द्र सिंह कंवल | फीजी
भारतीय | फीज़ी पर कविता
काव्य — जोगिन्द्र सिंह कंवल | फीजी
न्यूज़ीलैंड में उपनगर और स्थलों के भारतीय नाम
विविध — रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड
कुछ अनुभूतियाँ
काव्य — डॉ पुष्पा भारद्वाज-वुड | न्यूज़ीलैंड
नटखट चिड़िया
बाल-साहित्य — रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड
लिखना बाकी है
काव्य — हरिहर झा | ऑस्ट्रेलिया | Harihar Jha
गुरुदक्षिणा
काव्य — जैनन प्रसाद | फीजी
दर्द के पैबंद | ग़ज़ल
काव्य — रेखा राजवंशी | ऑस्ट्रेलिया
फ़क़ीराना ठाठ | गीत
काव्य — रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड
सहेजे हैं शब्द
काव्य — प्रीता व्यास | न्यूज़ीलैंड
डॉ रामनिवास मानव की क्षणिकाएँ
काव्य — डॉ रामनिवास मानव | Dr Ramniwas Manav
मेरी बड़ाई | लघुकथा
कथा-कहानियाँ — सुदर्शन | Sudershan
संस्कृति
कथा-कहानियाँ — हरिशंकर परसाई | Harishankar Parsai
नया साल
विविध — हरिशंकर परसाई | Harishankar Parsai
अकबर और तुलसीदास
काव्य — सोहनलाल द्विवेदी | Sohanlal Dwivedi
सही और गलत के बीच का अंतर
बाल-साहित्य — अकबर बीरबल के किस्से
फंदा
कथा-कहानियाँ — सुभाषिनी लता कुमार | फीजी
बापू का अंतिम दिन - प्यारे लाल
विविध — भारत-दर्शन संकलन | Collections
पहाड़े
काव्य — रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड
गिनती
काव्य — रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड
हिंदी
काव्य — रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड
जीवन का अधिकार
काव्य — सुमित्रानंदन पंत | Sumitranandan Pant
वो था सुभाष, वो था सुभाष
काव्य — रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड
अब तो मजहब कोई | नीरज के गीत
काव्य — गोपालदास ‘नीरज’
उच्चायुक्त मुक्तेश परदेशी से साक्षात्कार
विविध — रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड
पूर्णिमा वर्मन से बातचीत
विविध — रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड
भिखारी| हास्य कविता
काव्य — रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड
हाय, न बूढ़ा मुझे कहो तुम !
काव्य — गोपालप्रसाद व्यास | Gopal Prasad Vyas
समंदर की उम्र
काव्य — अशोक चक्रधर
फीजी कितना प्यारा है
काव्य — सुभाषिनी लता कुमार | फीजी
जो समर में हो गए अमर
काव्य — नरेंद्र शर्मा
मेरी कथायात्रा
विविध — कृष्णा सोबती
गिरगिट
कथा-कहानियाँ — एन्तॉन चेखव
यारो उम्र गुज़ार दी | ग़ज़ल
काव्य — शांती स्वरूप मिश्र
कवि और कविता
काव्य — मौसम कुमरावत
मनुष्य बनाये रखना
काव्य — विजय कुमार सिंह
नया सबेरा
काव्य — बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष
आप सूरज को जुगनू | ग़ज़ल
काव्य — रोहित कुमार हैप्पी
भगवान सबका एक है | लोक-कथा
कथा-कहानियाँ — नीरा सक्सेना
मोटा लाला
बाल-साहित्य — नमित कालरा
आया कुछ पल
काव्य — सोम नाथ गुप्ता
दिनेश भारद्वाज की दो रचनाएँ
काव्य — दिनेश भारद्वाज
ख्याली जलेबी
बाल-साहित्य — भारत-दर्शन संकलन
काग़ज़ फाड़ दिए
काव्य — दीपक शर्मा
बोलो फिर कैसे मुस्काएं
काव्य — विजय कनौजिया
मेरे देश की आवाज़
काव्य — ज्योति स्वामी "रोशनी"
अपने अलावा भी | कविता
काव्य — मोहन राणा
उत्प्रवासी
काव्य — मोहन राणा
माना, गले से सबको
काव्य — प्राण शर्मा
पाठ | लघुकथा
कथा-कहानियाँ — अभिमन्यु अनत
मिलती हैं आजकल
काव्य — गुलशन मदान की गज़ल
चाहता हूँ चुप रहे
काव्य — विजय कुमार सिंह
अकारण
काव्य — राजीव वाधवा
परिणाम | लघु-कथा
कथा-कहानियाँ — रोहित कुमार 'हैप्पी'
मेरा दिल मोम सा
काव्य — सुनीता शर्मा
अमर चित्र कथा बनाने वाले अकंल पई
विविध — रोहित कुमार 'हैप्पी'