Uncle Pai


अमर चित्र कथा बनाने वाले अनंत पई (अकंल पई)

अनंत पई ( 17 सितंबर 1929 - 24 फ़रवरी, 2011) को प्यार से 'अंकल पई' पुकारा जाता है। अनंत पई का जन्म 17 सितंबर 1929 को कार्कल, कर्नाटक (उस समय ब्रिटिश मैसूर रियासत) में हुआ था। वे एक भारतीय शिक्षाशास्री, कॉमिक्स तथा अमर चित्र कथा के संस्थापक थे। 1967 में शुरू की गई इस कॉमिक्स श्रृंखला के द्वारा बच्चों को परंपरागत भारतीय लोक कथाएँ, पौराणिक कहानियाँ और ऐतिहासिक पात्रों की जीवनियों के बारे में बताया गया।

'अमर चित्र कथा' और 'टिंकल' उनकी दो सबसे प्रसिद्ध 'कॉमिक बुक सीरीज़' हैं, जिन्हें सभी आयु वर्ग के लोग पसंद करते हैं। 1967 में शुरू की गई इस कॉमिक्स श्रृंखला के द्वारा बच्चों को परंपरागत भारतीय लोक कथाएँ, पौराणिक कहानियाँ और ऐतिहासिक पात्रों की जीवनियों के बारे में बताया गया। 'अमर चित्र कथा' पारंपरिक भारतीय लोक कथाओं, पौराणिक कहानियों, और पात्रों के चित्रमय विवरण के माध्यम से ऐतिहासिक पात्रों की कथाओं से परिचित करवाती है। 'टिंकल' एक 'कॉमिक्स पत्रिका' है, जहाँ रहस्य और साहसिक कहानियों, क्विज़, पहेली, प्रतियोगिता इत्यादि के माध्यम से बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

24 फ़रवरी 2011 को मुंबई में अनंत पई का निधन हो गया।

 

अमर चित्र कथा का जन्म
फरवरी 1967

दोपहर का समय था जब एक दंपति दिल्ली के करोल बाग बाज़ार में घूम रहा था। दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाली एक प्रश्नोत्तरी देखने के लिए वे रास्ते में एक टीवी की दुकान के बाहर रुक गए।

"ग्रीक पौराणिक कथाओं के अनुसार, महासागरों का शासक कौन है? आपके विकल्प ज़ीउस, हेड्स और पोसिडॉन हैं।" दूरदर्शन पर प्रश्नोत्तरी कर्यक्रम के मेजबान ने पूछा।

"पोसिडॉन।" एक टीम की और से झट से उत्तर आया।

"सही उत्तर।" मेजबान ने कहा और अगला प्रश्न किया--

"भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार, "राम की माँ कौन थी?" "आपके विकल्प कौसल्या, कैकेयी और कुंती हैं। "

संक्षिप्त उत्तर के बाद टीमों के बीच एक संक्षिप्त मौन पसर गया, "कैकेयी ... उम्म---, नो 'कुंती।"

टीवी की दुकान के बाहर खड़े युवा (दंपति) को प्रतियोगियों की अज्ञानता पर खेद हुआ। "यह इतना आसान सवाल था। ये युवा सभी ग्रीक पौराणिक कथाओं के बारे में जानते हैं, लेकिन वे हमारी अपनी विरासत के बारे में ज्यादा नहीं जानते।" उन्होंने सोचा।

जिस दंपति की हम बात कर रहे हैं, वे थे - अनंत पई और उनकी पत्नी। कुछ महीने बाद, अनंत पई ने 'टाइम्स ऑव इंडिया' की एक अच्छी-खासी नौकरी छोड़ दी और अपनी 'कॉमिक बुक सीरीज़' शुरू करने का फैसला किया, जो महान भारतीय महाकाव्यों, पौराणिक कथाओं, इतिहास, लोककथाओं और दंतकथाओं की कहानियों को फिर से प्रकाशित करेगी। तब से उन्होंने जो श्रृंखला शुरू की वह लाखों लोगों के दिलों को छू गई और भारतीय बच्चों को भारत की विरासत से परिचित कराने के उनके दृष्टिकोण पर पूरी तरह खरी उतरी।

 

अनंत पई ने 'इंजीनियरिंग' की थी लेकिन उनका झुकाव प्रकाशन की ओर हो गया।

अनंत पई 'वाल्ट डि‍ज्नी ऑव इंडि‍या' के नाम से भी प्रसिद्ध हैं।

अनंत पई ने रामायण पर 'अमर चित्र कथा' बनाई। इसे बनाने का विचार उन्‍हें दूरदर्शन में चल रहे एक 'क्विज शो' से आया था, जिसमें प्रतिभागी राम की माँ का नाम नहीं बता पाए थे। इसके बाद उन्‍होंने लोगों को अमर चित्र कथा के माध्‍यम से पौराणिक चरित्रों और महापुरुषों के जीवन से परिचित कराया।

अमर चित्र कथा को 20 से ज्‍यादा भाषाओं में प्रकाशित किया जा चुका है और इसकी अब तक 9 करोड़ प्रतियां बिक चुकी हैं।

अनंत पई ने बच्चों के लिए 'व्यक्तित्व विकास' (पर्सनैलिटी डेवेलपमेंट) से जुड़ी किताबों भी लिखी हैं।

अनंत पई की 82वीं जयंती पर 2011 में गूगल ने डूडल बनाया था।

- रोहित कुमार 'हैप्पी'