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हास्य-व्यंग्य विशेषांक मार्च-अप्रैल 2018

Released: February 2018

हास्य-व्यंग्य विशेषांक मार्च-अप्रैल 2018

इस अंक की कुल रचनाएँ : 54

भारत-दर्शन का मार्च-अप्रैल 2018 अंक हास्य-व्यंग विशेषांक है। इस अंक में हास्य-व्यंग रचनाओं को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है। इस अंक में पढ़िए हास्य-कथा, कहानी, व्यंग्य व हास्य कविताएँ। इस बार भारतेंदु हरिश्चन्द्र, कवि चोंच, बेधड़क बनारसी, गोपाल प्रसाद व्यास, काका हाथरसी, अशोक चक्रधर, सुरेन्द्र शर्मा, हरिशंकर परसाई, प्रेमचंद की रचनाओं के हास्य-व्यंग, हास्य-कविताएँ व परिहसन पढ़िए।

इस अंक के बारे में विस्तृत जानकारी पढ़ें [ i ]

23 मार्च 'भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू' का बलिदानी-दिवस होता है। उन्हीं की समृति में यहां शहीदी-दिवस को समर्पित विशेष सामग्री प्रकाशित की गई है।

 

भारत-दर्शन का मार्च-अप्रैल 2018 अंक हास्य-व्यंग्य विशेषांक है। इस अंक में हास्य-व्यंग्य रचनाओं को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है। इस अंक में पढ़िए हास्य-कथा, कहानी, व्यंग्य व हास्य कविताएँ। इस बार पढ़िए भारतेंदु हरिश्चन्द्र, कवि चोंच, बेधड़क बनारसी, गोपाल प्रसाद व्यास, काका हाथरसी, अशोक चक्रधर, सुरेन्द्र शर्मा, हरिशंकर परसाई, प्रेमचंद की हास्य-व्यंग से भरपूर रचनाएँ।

आप सभी को होली की शुभ-कामनाएं।

भारत-दर्शन का पिछला होली-विशेषांक (2017) भी पढ़ें या प्रमुख रचनाएं पढ़ें जिनमें सम्मिलित हैं--

'होली की पौराणिक-कथाएं, मीरा के होली पद, मीरा भजन, 'श्याम सखा मोरी रंग दे चुनरिया' व 'होरी खेलत हैं गिरधारी', 'घासीराम के होली पद', 'सूरदास के पद', 'ॠतु फागुनी नियरानी हो' (कबीर), 'रसखान के फाग सवैय्ये' पढ़िए।

फणीश्वरनाथ रेणु की पहली कविता, 'साजन होली आई है', भारतेंदु की ग़ज़ल, 'गले मुझको लगा लो ए दिलदार होली में', निराला की कविता, 'खून की होली' व 'वसंत आया', , जयशंकर प्रसाद की कविता, 'होली की रात', प्रेमचंद की कहानी, 'होली की छुट्टी', यशपाल की कहानी, 'होली का मज़ाक', गोपालसिंह नेपाली की कविता, 'बरस-बरस पर आती होली', ललितकुमारसिंह 'नटवर' का होली गीत, 'आज की होली', जैमिनी हरियाणवी की हास्य कविता, 'प्यार भरी बोली', आलेखों में - डा जगदीश गांधी का, 'आपसी प्रेम एवं एकता का प्रतीक है होली', अशोक भाटिया का आलेख 'होली आई रे', 'लोकगीतों में झलकती संस्कृति का प्रीतक : होली' (आलेख), 'होली के विविध रंग' (आलेख), 'सबकी 'होली' एक दिन, अपनी 'होली' सब दिन' (आलेख), रंगों के त्यौहार में तुमने (कविता), तुझ संग रंग लगाऊं कैसे (कविता), अरी भागो री भागो री गोरी भागो, कल कहाँ थे कन्हाई (गीत), होली बाद नमाज़ (कहानी), अजब हवा (गीत), आओ होली (कविता), होली के दोहे, रंगो के त्यौहार में तुमने (कविता), रंग की वो फुहार दे होली (कविता), हास्य रस में 'काव्य मंच पर होली' भी पढ़ें ।

 

मनुष्य का परम धर्म | कहानी
कथा-कहानियाँ — मुंशी प्रेमचंद
माई लार्ड
विविध — बालमुकुन्द गुप्त
परिहासिनी
विविध — भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
डिजिटल इंडिया | हास्य-व्यंग
काव्य — रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड
हिन्दी की होली तो हो ली
विविध — गोपालप्रसाद व्यास | Gopal Prasad Vyas
निंदा रस
विविध — हरिशंकर परसाई | Harishankar Parsai
परमात्मा का कुत्ता
कथा-कहानियाँ — मोहन राकेश
सारे जहाँ से अच्छा है इंडिया हमारा
काव्य — काका हाथरसी | Kaka Hathrasi
बहरे या गहरे
काव्य — अशोक चक्रधर
परदे हटा के देखो
काव्य — अशोक चक्रधर
समंदर की उम्र
काव्य — अशोक चक्रधर
भिखारी| हास्य कविता
काव्य — रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड
तुम मेरी बेघरी पे...
काव्य — ज्ञानप्रकाश विवेक | Gyanprakash Vivek
अन्तर दो यात्राओं का
कथा-कहानियाँ — विष्णु प्रभाकर | Vishnu Prabhakar
नशा | कहानी
प्रेमचंद की कहानियाँ — मुंशी प्रेमचंद
हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे
विविध — शरद जोशी | Sharad Joshi
कर्तव्यबोध
कथा-कहानियाँ — शरद जोशी | Sharad Joshi
जिसके हम मामा हैं
विविध — शरद जोशी | Sharad Joshi
मुगलों ने सल्तनत बख्श दी
विविध — भगवतीचरण वर्मा
अंगहीन धनी
कथा-कहानियाँ — भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
सुखी आदमी की कमीज़
बाल-साहित्य — जॉन हे
मैं सम्पादक
कथा-कहानियाँ — रामशरण शर्मा
लंच! प्रपंच!!
काव्य — मधुप पांडेय
विचित्र विवशता!
काव्य — मधुप पांडेय
कानून मिला हमको
काव्य — प्रदीप चौबे
हास्य ही सहारा है
काव्य — डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल
पेट महिमा
काव्य — बालमुकुंद गुप्त
जय जय जय अंग्रेजी रानी!
काव्य — डॉ. रामप्रसाद मिश्र
होली के गीत
काव्य — भारत दर्शन संकलन
अरी भागो री भागो री गोरी भागो
काव्य — भारत दर्शन संकलन
कल कहाँ थे कन्हाई
काव्य — भारत दर्शन संकलन
अजब हवा है
काव्य — कृष्णा कुमारी
आज की होली
काव्य — ललितकुमारसिंह 'नटवर'
आज कैसी वीर, होली?
काव्य — क्षेमचन्द्र 'सुमन'
मोहन खेल रहे है होरी
काव्य — शिवदीन राम
रे रंग डारि दियो राधा पर
काव्य — शिवदीन राम
मसख़रा मशहूर है... | हज़ल
काव्य — हुल्लड़ मुरादाबादी
काका की वसीयत
विविध — रोहित कुमार हैप्पी
नया ‘वाद’
काव्य — निशिकांत
प्रयोगवाद
काव्य — दिनेश कुमार गोयल
उन्हें आज ...
काव्य — बेढब बनारसी
ढोल, गंवार...
काव्य — सुरेंद्र शर्मा
होली पद
काव्य — जुगलकिशोर मुख्तार
होली है आख़िर..
काव्य — राजेन्द्र प्रसाद
बेधड़क दोहावली
काव्य — बेधड़क
हँसाइयाँ
काव्य — बेधड़क बनारसी
किस रंग खेलूँ अबके होली
काव्य — विवेक जोशी
इन्सान
कथा-कहानियाँ — अजना अनिल
ऊँचाई
कथा-कहानियाँ — रामेश्वर काम्बोज "हिमांशु"
सब समान
कथा-कहानियाँ — विक्रम कुमार जैन
पत्थर के आँसू
कथा-कहानियाँ — ब्रहमदेव
रंग बदलता मौसम
कथा-कहानियाँ — सुभाष नीरव