देखो बापू 
 कितनी हिंसा है
 कितनी अराजकता है 
 कितनी लंबी टाँगें हैं 
 झूठ की 
 फरेब की काली चादर
 ढक देती है 
 सत्य का प्रकाश
 
 पर फिर भी
 देखो बापू
 सत्य डोलता है
 इन रगों में
 झूठ हार ही जाता है
 देखो बापू 
 हार गए न दोनों
 झूठा गुरु 
 और लुटेरा नेता 
 
-पूनम शुक्ला