समस्त आर्यावर्त या ठेठ हिंदुस्तान की राष्ट्र तथा शिष्ट भाषा हिंदी या हिंदुस्तानी है। -सर जार्ज ग्रियर्सन।

रघुवीर सहाय | Raghuvir Sahay | Profile & Collections

रघुवीर सहाय (Raghuvir Sahay)  का जन्म 9 दिसंबर, 1929 को लखनऊ में हुआ था।  आपने कविता, कहानी, निबंध विधाओं में साहित्य-सृजन किया। 

30 दिसंबर, 1990 को दिल्ली में आपका देहांत हो गया।

रघुवीर सहाय | Raghuvir Sahay's Collection

Total Records: 5

आपकी हँसी

निर्धन जनता का शोषण है कह कर आप हँसे लोकतंत्र का अंतिम क्षण है कह कर आप हँसे सबके सब हैं भ्रष्टाचारी कह कर आप हँसे चारों ओर बड़ी लाचारी कह कर आप हँसे कितने आप सुरक्षित होंगे मैं सोचने लगा सहसा मुझे अकेला पा कर फिर से आप हँसे

More...

राष्ट्रगीत में भला कौन वह

राष्ट्रगीत में भला कौन वहभारत-भाग्य विधाता हैफटा सुथन्ना पहने जिसकागुन हरचरना गाता है।मख़मल टमटम बल्लम तुरहीपगड़ी छत्र चंवर के साथतोप छुड़ाकर ढोल बजाकरजय-जय कौन कराता है।पूरब-पच्छिम से आते हैंनंगे-बूचे नरकंकालसिंहासन पर बैठा, उनकेतमगे कौन लगाता है।कौन-कौन है वह जन-गण-मन-अधिनायक वह महाबलीडरा हुआ मन बेमन जिसकाबाजा रोज बजाता है।

More...

तोड़ो

तोड़ो तोड़ो तोड़ोये पत्थर ये चट्टानेंये झूठे बंधन टूटेंतो धरती को हम जानेंसुनते हैं मिट्टी में रस है जिससे उगती दूब हैअपने मन के मैदानों पर व्यापी कैसी ऊब हैआधे आधे गाने

More...

हमारी हिंदी

हमारी हिंदी एक दुहाजू की नई बीवी हैबहुत बोलनेवाली बहुत खानेवाली बहुत सोनेवाली

More...

नैतिकता का बोध

एक यात्री ने दूसरे से कहा, "भाई जरा हमको भी बैठने दो।"

More...

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें