यदि पक्षपात की दृष्टि से न देखा जाये तो उर्दू भी हिंदी का ही एक रूप है। - शिवनंदन सहाय।

अजातशत्रु

कवि अजातशत्रु का जन्म 15 जुलाई 1971 को झीलों की नगरी 'उदयपुर'  में हुआ। आपके पिता का नाम गोवर्धन सिंह राव और माता का नाम राजकुमारी राव है। आप मंचीय कवि सम्मेलनों का एक जाना-पहचाना नाम हैं। आप हास्य के अतिरिक्त वीर रस व देश को समर्पित काव्यपाठ के लिए भी जाने जाते हैं। आप 1985 से सृजन कर रहे हैं। अजातशत्रु अपने काव्यपाठ में राजस्थान की माटी की गौरवगाथा के लिए भी लोकप्रिय हैं।

आप गीत, नवगीत, ग़ज़ल, बाल कविता विधाओं में सृजन करते हैं।

प्रकाशन : 'चुनावी गोरखधंधा (1999), आधी कटोरी चाँदनी (2000)

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जै-जै कार करो

ये भी अच्छे वो भी अच्छे
जै-जै कार करो
डूब सको तो
चूल्लू भर पानी में डूब मरो

लेकर आप बिराजै लड्डू
दोनों हाथों में
मुँह के मीठे
अवसरवादी
रिश्ते-नातों में

अब तो मुई सफ़ेदी आई
कुछ तो शर्म करो
भीतर चुप्प मुखौटे बोले
...

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कविता ज़िन्दाबाद हमारी कविता ज़िन्दाबाद

कविता ज़िन्दाबाद हमारी कविता ज़िन्दाबाद!
ये बोली तो युग बोला ये गायी तो सबने गाया
इसने ही आजादी का परचम सीमा पर लहराया
वंदे मातरम बन कर गूंजी और तिरंगा थाम लिया
बिस्मिल, शेखर, भगत सिंह, मंगलपांडे का नाम लिया
...

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