ये भी अच्छे वो भी अच्छे जै-जै कार करो डूब सको तो
कविता ज़िन्दाबाद हमारी कविता ज़िन्दाबाद! ये बोली तो युग बोला ये गायी तो सबने गाया इसने ही आजादी का परचम सीमा पर लहराया