समस्त आर्यावर्त या ठेठ हिंदुस्तान की राष्ट्र तथा शिष्ट भाषा हिंदी या हिंदुस्तानी है। -सर जार्ज ग्रियर्सन।

संध्या नायर | ऑस्ट्रेलिया | Profile & Collections

संध्या नायर एक दशक से ऑस्ट्रेलिया की निवासी हैं। पेशे से बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर हैं। आप मूलत: दिल्ली से हैं।

आपकी योग, अध्यात्म और प्राकृतिक चिकित्सा ( नेचुरोपैथी ) में गहन रुचि है और कई वर्षों से मेलबर्न(ऑस्ट्रेलिया) में निशुल्क योग शिक्षा केन्द्र चला रही हैं।

आपका अंग्रेज़ी और हिंदी साहित्य से लगाव है और दोनों भाषाओं में कविताएं लिखती हैं। कुछ कविताएं स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई है। एक काव्य संकलन पर काम कर रही हैं।

संध्या नायर | ऑस्ट्रेलिया 's Collection

Total Records: 10

शिव की भूख

एक बार शिव शम्भू कोलगी ज़ोर की भूखभीषण तप से गयाकंठ काहलाहल तक सूख !

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कलम इतनी घिसो, पुर तेज़--- | ग़ज़ल

कलम इतनी घिसो, पुर तेज़, उस पर धार आ जाएकरो हमला, कि शायद होश में, सरकार आ जाए

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मुहब्बत की जगह--- | ग़ज़ल

मुहब्बत की जगह, जुमला चला कर देख लेते हैंज़माने के लिए, रिश्ता चला कर देख लेते हैं

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कलम इतनी घिसो... | ग़ज़ल

कलम इतनी घिसो, पुर तेज़, उस पर धार आ जाएकरो हमला, कि शायद होश में, सरकार आ जाए

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बड़े साहिब तबीयत के... | ग़ज़ल

बड़े साहिब तबीयत के ज़रा नासाज़ बैठे हैंहमे डर है गरीबों से तनिक नाराज़ बैठे हैं

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खयालों की जमीं पर... | ग़ज़ल

खयालों की जमीं पर मैं हकीकत बो के देखूंगीकि तुम कैसे हो, ये तो मैं ,तुम्हारी हो के देखूंगी

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चांद कुछ देर जो ... | ग़ज़ल

चांद कुछ देर जो खिड़की पे अटक जाता हैमेरे कमरे में गया दौर ठिठक जाता है

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कोई बारिश पड़े ऐसी... | ग़ज़ल

कोई बारिश पड़े ऐसी, जो रिसते घाव धो जाएभले आराम कम आए, ज़रा सा दर्द तो जाए

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बात छोटी थी... | ग़ज़ल

बात छोटी थी, मगर हम अड़ गएसच कहें, लेने के देने पड़ गए

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मुहब्बत की जगह | ग़ज़ल

मुहब्बत की जगह, जुमला चला कर देख लेते हैंज़माने के लिए, रिश्ता चला कर देख लेते हैं

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