जैनन प्रसाद | फीजी
जैनन प्रसाद (Jainan Prasad) का जन्म नकसी, फीजी में हुआ। आप वर्त्तमान में संयुक्त राष्ट्र बाल निधि (UNICEF) में कार्यरत है।
आपने दक्षिण प्रशांत विश्वविद्यालय में भी काम किया। आप संयुक्त राष्ट्र विकास कोष (UNDP) में एक अनुवादक सलाहकार भी रहे और अंग्रेजी से हिंदी में नागरिक शिक्षा पर व्यापक सामग्री का अनुवाद भी किया है।
हिंदी लेख संघ फीजी के अध्यक्ष और हिंदी परिषद फीजी के सहायक सचिव हैं। श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा फीजी के कार्यकारी भी रहे हैं और अपनी संगीत प्रतिभा और सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते हैं। रामायण प्रवचन पर बहुत लोकप्रिय हैं। आपने देश- विदेश के कई कवि सम्मेलनों में भी भाग लिया है ।
प्रसाद ने फीजी में हिंदी साहित्य में काफी योगदान दिया है।
कृतियाँ:
गुरुदक्षिणा - अपने गुरु पंडित विवेकानंद शर्मा को समर्पित किया था, जो फीजी के सबसे श्रेष्ठ साहित्यकार थे।
जानम एक एहसास - दूसरे प्रकाशन को मुख्य रूप से युवाओं के लिए लिखा गया था।
गुदगुदी -तीसरा प्रकाशन हास्य व्यंग्य था। फीजी के शिक्षा मंत्री ने इस पुस्तक के विमोचन पर 'जैनन' की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ियों के लिए 'जैनन जी' एक मिसाल है। इस प्रकाशन के बाद उन्हें फीजी का 'अशोक चक्रधर' भी कहा जाता है।