भवानी प्रसाद मिश्र | Bhawani Prasad Mishra साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 7

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अक्कड़ मक्कड़

अक्कड़ मक्कड़, धूल में धक्कड़ दोनों मूरख, दोनों अक्खड़हाट से लौटे, ठाठ से लौटेएक साथ एक बाट से लौटे।
बात-बात में बात ठन गईबाँह उठी और मूँछें तन गईंइसने उसकी गर्दन भींचीउसने इसकी दाढ़ी खींची।
अब वह जीता, अब यह जीता;दोनों का बढ़ चला फजीता;लोग तमाशाई जो ठहरेसबके खिले हुए थे चेहरे।
मगर एक कोई था फ...

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गीत फ़रोश

जी हाँ हुजूर, मैं गीत बेचता हूँ,मैं तरह-तरह के गीत बेचता हूँ,मैं क़िसिम-क़िसिम के गीत बेचता हूँ!
जी, माल देखिए दाम बताऊँगा,बेकाम नहीं हैं, काम बताऊंगा;कुछ गीत लिखे हैं मस्ती में मैंने,कुछ गीत लिखे हैं पस्ती में मैंने,यह गीत, सख़्त सर-दर्द भुलायेगा,यह गीत पिया को पास बुलायएगा!
जी, पहले कुछ दिन श...

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प्राण रहते

प्राण रहतेचाहता हूँ ओंठ पर नित गान रहतेभाग्य का यह चक्र फिरता या न फिरता नभ बरसता फूल अथवा गाज गिरता जय-पराजय में अगर हम शीस उन्नत नष्ट शंका वज्र पुष्प समान सहते!प्राण रहते!!
कठिन क्षण में सहज गति होती हमारी और धीरज मति नहीं खोती हमारी प्रलय-पारावार वीचि-विलास होता ढंग से पतवार चलतीजलधि-भर जलयान...

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जाहिल मेरे बाने

मैं असभ्य हूँ क्योंकि खुले नंगे पाँवों चलता हूँमैं असभ्य हूँ क्योंकि धूल की गोदी में पलता हूँमैं असभ्य हूँ क्योंकि चीरकर धरती धान उगाता हूँमैं असभ्य हूँ क्योंकि ढोल पर बहुत ज़ोर से गाता हूँ
आप सभ्य हैं क्योंकि हवा में उड़ जाते हैं ऊपरआप सभ्य हैं क्योंकि आग बरसा देते हैं भू परआप सभ्य हैं क्योंकि ...

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कवि

कलम अपनी साधऔर मन की बात बिल्कुल ठीक कह एकाध।
यह कि तेरीभर न, हो तो कहऔर बहते बने सादे ढंग से तो बह।जिस तरह हम बोलते हैं उस तरह तू लिख,और इसके बाद भी हमसे बड़ा तू दिख।चीज़ ऐसी दे कि जिसका स्वाद सिर चढ़ जाएबीज ऐसा बो कि जिसकी बेल बन बढ़ जाए।फल लगें ऐसे कि सुख-रस, सार और समर्थप्राण संचारी की शोभा ...

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सन्नाटा

तो पहले अपना नाम बता दूँ तुमको,फिर चुपके-चुपके धाम बता दूँ तुमको;तुम चौंक नहीं पड़ना, यदि धीमे-धीमेमैं अपना कोई काम बता दूँ तुमको।
कुछ लोग भ्रान्तिवश मुझे शान्ति कहते हैं,कुछ निस्तब्ध बताते हैं, कुछ चुप रहते हैं;मैं शांत नहीं निस्तब्ध नहीं, फिर क्या हूँ,मैं मौन नहीं हूँ, मुझमें स्वर बहते हैं।
क...

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भवानी प्रसाद मिश्र की कविताएं

यहाँ भवानी प्रसाद मिश्र के समृद्ध कृतित्व में से कुछ ऐसी कविताएं चयनित की गई हैं जो समकालीन समाज ओर विचारधारा का समग्र चित्र प्रस्तुत करने में सक्षम होंगी।

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भवानी प्रसाद मिश्र | Bhawani Prasad Mishra का जीवन परिचय