डॉ संध्या सिंह | सिंगापुर साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 5

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मलय व हिन्दी का मेल

एक भाषा सिर्फ़ शब्दों और व्याकरण से बहुत आगे है। यह संस्कृति का प्राण है और उसका शरीर भी। यह वह प्रकाश है जो हमारे ज्ञान के सफ़र को न सिर्फ़ प्रकाशित करता है बल्कि विस्तृत भी करता है।
हज़ारों वर्षों से भी अधिक समय से कई भारतीय शब्द जिनकी उत्पत्ति का स्रोत संस्कृत, अरबी और फ़ारसी है, मलय भाषा में...

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रूस के प्रो. लुदमिला खोखलोवा से बातचीत

 “हिंदी दोस्ती की भाषा है, इससे अलग किस्म के सपने पूरे होते हैं।”
प्रोफेसर लुदमिला खोखलोवा जी मास्को स्टेट यूनिवर्सिटी में असोसिएट प्रोफ़ेसर हैं। पिछले 45 सालों से रूस में हिंदी भाषा और साहित्य सिखा रही लुदमिला जी से जानते हैं उनकी जीवन यात्रा के बारे में, उनके शिक्षण के बारे में...

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एक लड़की

आज बार-बार जीवन बाईस साल पहले मुड़ उस दिन को याद कर रहा है जिसने एक लड़की के जीवन को एक अलग ही दिशा दे दी। नवरात्रि का समय और देवी दर्शन की चाह लिए एक लड़की विंध्यांचल से भोर में घर लौटती है । चूँकि भोर हो गई है इसलिए लौटते ही सुबह के कार्यक्रम में पुन: व्यस्त है और तभी कुछ ऐसा होता है जो उसके जी...

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सिंगापुर में हिंदी का फ़लक | विश्व में हिंदी

विश्व आज वैश्विक गाँव बनता जा रहा है और इस वैश्विक गाँव में तमाम भाषाएँ अपने वजूद को बरक़रार रखने की कोशिश में लगी हैं। एक भाषा का हावी होना कई बार दूसरी भाषा के लिए ख़तरा उत्पन्न कर देता है और ऐसा कई परिस्थितियों में देखा गया है कि इस जद्दोजहद की लड़ाई में कभी-कभी कुछ भाषाएँ और संकुचित होती जाती...

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डॉ. संध्या सिंह की चार कविताएं

नयापन ज़िंदगी है बासी का अंत हैसुबह नई है तो यह बासीपन क्यों यह उदासी क्यों?
सवाल हैं तो उत्तर भी होंगे हीमिलें न मिलें
आइए ढूँढते हैं उन्हें नये तौर से नये तरीके से...
2)
हर शनिवार खड़ी होती हूँहिंदी स्कूल के सामने देखती हूँ कुछ नन्हे सपनों को हँसते और कुछ को रोते।
किसी माँ की सिखावन सुनती ...

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डॉ संध्या सिंह | सिंगापुर का जीवन परिचय