एक भाषा सिर्फ़ शब्दों और व्याकरण से बहुत आगे है। यह संस्कृति का प्राण है और उसका शरीर भी। यह वह प्रकाश है जो हमारे ज्ञान के सफ़र को न सिर्फ़ प्रकाशित करता है बल्कि विस्तृत भी करता है।
हज़ारों वर्षों से भी अधिक समय से कई भारतीय शब्द जिनकी उत्पत्ति का स्रोत संस्कृत, अरबी और फ़ारसी है, मलय भाषा में...
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