एक तिनका सड़क के किनारे पड़ा हुआ दो आदमियों की बातचीत सुन रहा था।
उनमें से एक तो उसका रोज़ का साथी जूते गाँठने वाला एक मोची था और दूसरा राहगीर, जो अपने फटे ?...
वह अधेड़ जिल्दसाज़ सबेरे से शाम तक और अँधेरा होने पर दिए की रोशनी में बड़ी रात तक, अपनी छोटी-सी दुकान में अकेला एक फुट लंबी चटाई पर बैठा किताबों की जिल्दें ...
प्रतिदिन संझा लाली से झोली भर अभिसार के लिए अपना श्रृंगार करती है।
तारे आकर गीत गाने लगते हैं।
आँखों की काली रेखा को पारकर मद का संगीत सारे जगत में बहकर फ?...
मैं आपके सामने अपने एक रेल के सफर का बयान पेश कर रहा हूँ। यह बयान इसीलिए है कि सफर में मेरे साथ जो घटना घटी उसका कभी आप अपने जीवन में सामना करें तो आप अपनी कि...