डॉ मृदुल कीर्ति साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 3

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कटी पतंग

एक पतंग नीले आकाश में उड़ती हुई,मेरे कमरे के ठीक सामनेखिड़की से दिखता एक पेड़,अचानक पतंग कट करवहाँ अटक गयी।
नीचे कितने ही लूटने वाले आ गएक्योंकि--पतंग की किस्मत हैकभी कट जानाकभी लुट जानाकभी उलझ जानाकभी नुच जानाकभी बच जानाकभी छिन जानाकभी सूखी टहनियोंपर लटक जाना।
टूट कर गिरी तो झपट करतार-तार कर द...

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गिरमिटिया की पीर

मैं पीड़ा की पर्ण कुटी मेंपीर पुराण भरी गाथा हूँगिरमिटिया बन सात समंदर पार गया वह व्यथा कथा हूँ।
आकर्षण कुछ पाने भर का अतल जलधि के पार ले गयासिक्के चंद पेट की ज्वालामेरा सुख संसार ले गया।देश मेरा घर आँगन छूटाअंतर्मन की व्यथा कथा हूँपीर पुराण भरी गाथा हूँ।
कलुषित पल था जब पग पहला था जहाज़ में धर...

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मुझे थाम लेना

महाकाल से भी प्रबल कामनाएं,हैं विकराल भीषण अहम् की हवाएं,ये पर्वत हिमानी हैं, ममता के आँचल,नहीं तृप्त होते हैं तृष्णा के बादल,ये भीषण बबंडर है कुंठा की दल-दल,मुझे थाम लो इसमें धंसने से पहले,मुझे थाम लेना बिखरने से पहले।
ये स्वर्णिम हिरण के प्रलोभन हैं जब तकये लक्ष्मण की रेखाएँ लाँघेंगीं तब तकभ्र...

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डॉ मृदुल कीर्ति का जीवन परिचय