आशीष मिश्रा | इंग्लैंड साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 4

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राम 

  लिखने को कुछ और चला था                   स्वतः कलम ने राम लिखा    र पर आ की एक मात्रा                   म मिल कर निष्काम लिखा
    अक्षर दोनों नाच रहे थे   &nbs...

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काश! मुझे कविता आती

काश! मुझे कविता आती                लिख देता उनको पुस्तक-सा  प्रेम भरा दोहा लिखता                 लिख देता उनको मुक्तक-सा।
  काश! मुझे कविता आती                &n...

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हिंद को सलाम करें, शान के  लिये

तीन रंग से बना है, ध्वज यहाँ खड़ा                शौर्य और शूरता से भव्य है बड़ाऔर जिसे देखकर वीर कह उठा              सलाम हिंद केसरी, श्वेत और हराआरती और अर्चना, सम्मान के लियेदेश की आराधना और मान के लियेहिंद को सलाम करें,...

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ये बिछा लो आँचल में

भर कर लाया फूल हथेली, प्रिये बिछा लो आँचल मेंकुछ गुथने को तत्पर हैं, कुछ उगने को आँगन में।
लाल रंग के फूल चार हैं, चार गुलाबी वाले हैंएक बैंगनी चूड़ी जैसा, दो पीली डाली वाले हैंकुछ में बूँदें बसी हुई हैं, पाई थीं जो सावन मेंभर कर लाया फूल हथेली, प्रिये बिछा लो आँचल में।
गिनने में थोड़े हैं लेकि...

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आशीष मिश्रा | इंग्लैंड का जीवन परिचय