पापा, मुझे पतंग दिला दो,भैया रोज उड़ाते हैं।मुझे नहीं छूने देते हैं,दिखला जीभ, चिढ़ाते हैं॥
एक नहीं लेने वाली मैं,मुझको कई दिलाना जी।छोटी सी चकरी दिलवाना,मांझा बड़ा दिलाना जी॥
नारंगी और नीली, पीलीहरी, बैंगनी,भूरी,काली।कई रंग,आकार कई हों,भारत के नक्शे वाली ॥
कट जायेंगी कई पतंगे,जब मेरी लह...
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