जिस समाज में श्रम का वंदन, केवल वही हमारा है।आदर हो उन सब लोगों का, जिनने जगत सँवारा है।होते न मजदूर जगत में, हम सिरजन ना कर पाते।भवन, सड़क, तालाब, कुऍं कैसे इनको हम गढ़ पाते।श्रमवीरों के बलबूते ही, अपना वैभव सारा है।जिस समाज में श्रम का वंदन,केवल वही हमारा है।
जो करते हैं मेहनत पूरी, उनको बस सम...
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