गिरीश पंकज साहित्य Hindi Literature Collections

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सिलेंडर

भयानक महामारी के कारण ऑक्सीजन सिलेंडर की ज़रूरत पड़ रही थी। आपदा को कमाई का ज़बरदस्त अवसर समझ कर उसने निर्धारित दर से तीन-चार गुना अधिक कीमत में सिलेंडर बेचना शुरू कर दिया। हालत यह हो गई कि दुकान का अंतिम सिलेंडर भी उसने तगड़ी कीमत पर बेच डाला और बहुत प्रसन्न हुआ। मगर अचानक सिलेंडर भरवाने का काम...

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श्रम का वंदन | जन-गीत

जिस समाज में श्रम का वंदन, केवल वही हमारा है।आदर हो उन सब लोगों का, जिनने जगत सँवारा है।होते न मजदूर जगत में, हम सिरजन ना कर पाते।भवन, सड़क, तालाब, कुऍं कैसे इनको हम गढ़ पाते।श्रमवीरों के बलबूते ही, अपना वैभव सारा है।जिस समाज में श्रम का वंदन,केवल वही हमारा है।
जो करते हैं मेहनत पूरी, उनको बस सम...

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गिरीश पंकज का जीवन परिचय