मैंने पहाड़ से माँगा : अपनी स्थिरता का थोड़ा-सा अंश मुझे दे दो पहाड़ का मन न डोला ।
मैंने झरने से कहा : दे दो थोड़ी-सी अपनी गति मुझे भी झरना अपने नाद में मस्त रहा कुछ न बोला।
मैंने दूब से माँगी थोड़ी-सी पवित्रता वह अपने दलों में मुस्कराती रही। मैंने फूलों से माँगी ज़रा-सी कोमलताऔर चिड़िया से उस...
पूरा पढ़ें...