भर दीजे गर हो सके, जीवन अंदर रंग।वरना तो बेकार है, होली का हुड़दंग॥
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सबको कर काहे रहे, तुम होली में तंग।घोट-घोट के पी रहे, देखो कैसे भंग ॥
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मिलकर सब करने लगे, होली पर हुड़दंग।कोई फगुआ गा रहा, कोई घोटे भंग॥
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अभी तलक छोड़ी नहीं, दिल से उसने जंग।यूं होली को आ गया, मुख पर मलने रंग ॥
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अपना...
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