रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 180

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सियासत की सराब, जनता की हवा खराब

मार्च, 2019 चल रहा है। इन दिनों भारत में चुनाव प्रचार की धूम मची हुई है। सभी राजनैतिक दल अपनी पूरी शक्ति व सामर्थ्य से चुनाव प्रकार में लगी हुई है। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुरुवार (28 मार्च 2019) को मेरठ से लोकसभा चुनाव प्रचार-प्रसार आरंभ किया। उन्होंने एक रैली को संबोधित करते हुए ...

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चुनाव की कहानियाँ

भारत में चुनाव होने जा रहे है। क्या आप जानते हैं कि विश्व का सबसे पहला चुनाव कहाँ हुआ था? 1789 में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हुआ जिसमें मतदाताओं ने राज्यवार अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए मतदान किया था।  इस चुनाव में केवल श्वेत लोग जिनके पास संपत्ति थी, उन्हें वोट देने की अनुम...

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चिंटू के चुनावी प्रश्न

दादा जी को अख़बार पढ़ते देख चिंटू भी उनके पास आ गया।
"दादा जी, आप क्या पढ़ रहे हैं?"
"बेटा, मैं समाचार पढ़ रहा हूँ।" दादा जी ने अख़बार से नज़रें हटाकर चिंटू की ओर देखते हुए उत्तर दिया। "तुम्हें पता है न कि चुनाव (इलैक्शन) आने वाले हैं। हम सबको मतदान (वोट) करना है।
"हाँ, दादू। क्या मैं भी...

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हज़ल | हास्य ग़ज़ल

जा तू भी हँसता-बसता रह, अपनी कारगुज़ारी मेंबस मुझको भी खुश रहने दे अपनी चारदीवारी में
जा अपने सपनों को जी ले, तुझको अंबर छुना छू लेमुझको तो आनंद यहीं है, इन फूलों की क्यारी में
जाकर छप्पन भोग लगा ले, पीत्ज़ा-नूडल-बर्गर खा लेमुझको जन्नत मिल जाती है, अम्मा की तरकारी में
उसके तो हाय! हाथ नहीं हैं...

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शहीद पूछते हैं

भोग रहे जो आज आज़ादीकिसने तुम्हें दिलाई थी?चूमे थे फाँसी के फंदे, किसने गोली खाई थी?
बलिवेदी को शीश दिया थामौत से रची सगाई थी। क्या ‘ऐसी आज़ादी' खातिर हमने जान गंवाई थी?
मांग रहा था देश ख़ून जबकिसने प्यास बुझाई थी?देश के वीरों ने हँस-हँसकर काहे फाँसी खाई थी !
देश की खातिर मर मिटने की, कस...

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न्यूज़ीलैंड की भारतीय पत्रकारिता


यूँ तो न्यूज़ीलैंड में अनेक पत्र-पत्रिकाएँ समय-समय पर प्रकाशित होती रही हैं सबसे पहला प्रकाशित पत्र था 'आर्योदय' जिसके संपादक थे श्री जे के नातली, उप संपादक थे श्री पी वी पटेल व प्रकाशक थे श्री रणछोड़ क़े पटेल। भारतीयों का यह पहला पत्र 1921 में प्रकाशित हुआ था परन्तु यह जल्दी ही बंद हो गया।
एक...

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राजा ब्रूस और मकड़ी

[अनुवादित कथा-कहानी]
स्कॉटलैंड के राजा रोबर्ट ब्रूस ने अपने समय में कई युद्ध विजयी किए लेकिन एक बार वह अपने शत्रुओं से युद्ध में बुरी तरह पराजित हुआ।
उसके अधिकतर सैनिक मारे गए अथवा बंदी बना लिए गए। उसके महल पर शत्रु सेना का कब्जा हो गया। वह अपने परिवार से भी बिछड़ चुका था। ब्रूस अपनी जान ब...

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प्रवासी की माँ

(1)"जिंदगी की राहों में रंज-ओ-ग़म के मेले है भीड़ है क़यामत की और हम अकेले है----"रेडियो पर गीत बज रहा है और बूढ़ी हो चली भागवन्ती जैसे किसी सोच में डूबी हुई है। तीन-तीन बेटों वाली इस ‘माँ' को भला कौनसी चिंता सता रही है? भागवन्ती के तीन बेटे हैं। बड़का, मझला और छुटका । बड़का तो शादी होत...

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न्यूज़ीलैंड में उपनगर और स्थलों के भारतीय नाम

'वैलिंगटन के नागरिक और आगंतुक न्यूयॉर्क शहर की तुलना में प्रति व्यक्ति अधिक कैफे, बार और रेस्तरां का आनंद उठाते हैं। 2017 के वैलिंगटन सिटी काउंसिल के आंकड़े पुष्टि करते हैं कि शहर में लगभग 200,000 निवासियों के लिए 850 रेस्तरां, बार और कैफे हैं यानि प्रत्येक 240 लोगों के लिए एक। न्यूयॉर्क शहर में...

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नटखट चिड़िया

चीं-चीं करके गाती चिड़िया सबका मन बहलाती चिड़िया। फुदक-फुदक कर नाचे चिड़िया मुनिया बैठी बाँचे चिड़िया।
बगिया में जब आती चिड़िया पके-पके फल खाती चिड़िया। नीचे आकर दाना चुगतीफिर झट से उड़ जाती चिड़िया।
भोर सबेरे आती चिड़िया आहट सुन घबराती चिड़िया। कोई पास अगर जो जाए पल में फुर्र हो जाती चिड़िया।
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पहाड़े

आपके और मेरे पहाड़े भिन्न हैं। आपके लिए--दो दूनी चार।
मेरे लिए--दो दूनी का मतलब केवल प्यार।
- रोहित कुमार 'हैप्पी'   ई-मेल: editor@bharatdarshan.co.nz
 

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चंद्रशेखर आज़ाद | गीत

शत्रुओं के प्राण उन्हें देख सूख जाते थे ज़िस्म जाते काँप, मुँह पीले पड़ जाते थे                   देश था गुलाम पर 'आज़ाद' वे कहाते थे।
पल में बदल भेष फुर्र हो जाते थे तंत्र खुफिया को, नाकों चने चबवाते थे        ...

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प्रशांत में हिंदी

यूँ तो प्रशांत में अनेक देश, द्वीप और द्वीपीय देश हैं।  हम जब 'प्रशांत में हिंदी' की बात करते हैं तो हम न्यूज़ीलैंड, फीजी और ऑस्ट्रेलिया पर केंद्रित हैं।  यहाँ इस विषय पर चर्चा करेंगे कि प्रशांत के इन देशों में हिंदी शिक्षण, साहित्य, पत्रकारिता और मनोरंजन के संसाधनों और उपलब्धता की क्या...

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रोनाल्ड स्टुअर्ट मेक्ग्रेगॉर - विदेशी हिंदी सेवी

रोनाल्ड स्टुअर्ट मेक्ग्रेगॉर का जन्म न्यूजीलैंड में 1929 में हुआ था। मेक्ग्रेगॉर के माता-पिता स्कॉटिश थे। बचपन में मेक्ग्रेगॉर को किसी ने फीजी से प्रकाशित हिंदी व्याकरण की एक पुस्तक भेंट की थी। इसी के फलस्वरूप उनका हिंदी की ओर रूझान हो गया।
सर्वप्रथम 1959-60 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हिंदी...

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‘हम कौन थे, क्या हो गए---!’

किसी समय हिंदी पत्रकारिता आदर्श और नैतिक मूल्यों से बंधी हुई थी। पत्रकारिता को व्यवसाय नहीं, ‘धर्म' समझा जाता था। कभी इस देश में महावीर प्रसाद द्विवेदी, गणेशशंकर विद्यार्थी, माखनलाल चतुर्वेदी, महात्मा गांधी, प्रेमचंद और बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन' जैसे लोग पत्रकारिता से जुड़े हुए थे। प्र...

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हू केयर्स?

अगस्त का महीना विदेश में बसे भारतीयों के लिए बड़ा व्यस्त समय होता है। कम से कम हमारे यहां तो ऐसा ही होता है। स्वतंत्रता दिवस की तैयारी पूरे जोरों पर रहती है। अनेक संस्थाएं स्वतंत्रता दिवस का आयोजन करती हैं। नहीं, मैं गलत लिख गया! दरअसल, स्वतंत्रता दिवस नहीं, ‘इंडिपेंडेंस डे'! 'स्वतंत्रता-दि...

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गांधीजी को महात्मा की उपाधि किसने दी?

गांधीजी को भारत ही नहीं पूरा विश्व ‘महात्मा गांधी' कहता है। पिछले कई वर्षों में यह प्रश्न बार-बार पूछा गया है कि गांधी जी को ‘महात्मा' की उपाधि किसने दी। उन्हें महात्मा की उपाधि ‘किसने, कब और कहाँ दी' इस विषय में कई लोगों ने सूचना के अधिकार (RTI) के अंतर्गत भी यह प्रश्न उठाया।
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जानिए, भारत के पहले एम्स की स्थापना कैसे हुई

क्या आप जानते है कि दिल्ली का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स /AIIMS) कैसे बना था? इसकी स्थापना में न्यूज़ीलैंड की विशेष भूमिका थी। 
इसकी आधारशिला 1952 में रखी गयी और इसका सृजन 1956 में संसद के एक अधिनियम के माध्‍यम से एक स्‍वायत्त संस्‍थान के रूप में किया गया।
1952 में ...

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बदलते विश्व में बदलता भारत

कहा जाता है, ‘परिवर्तन सृष्टि का नियम है।‘ परिवर्तन और अनित्यता को समझ लेना ही ज्ञान प्राप्त करना है। जीवन में जन्म से लेकर मृत्यु तक क्या हम परिवर्तन का ही मार्ग तय करते हैं? या कहें कि हम एक नियत प्रवृत्ति के साक्षी बनते हैं कि इस संसार में सब कुछ नश्वर और क्षणभंगुर है। जो पैदा हुआ,...

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आज की कहानी | इतिहास में आज का दिन

यहाँ इतिहास में आज के दिन से संबंधित कथा-कहानी, किस्से व प्रसंग प्रकाशित किए जाएंगे। यह कथा-कहानी, किस्से या प्रसंग रोचक व ज्ञानवर्धक होंगे। 

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हिंदी के दिलदार सिपाही

हिंदी के दिलदार सिपाही के अतर्गत हम ऐसे हिंदी सेवियों की जानकारी संकलित कर रहे हैं, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से हिंदी की सेवा की। इनमें अनेक विदेशी भी सम्मिलित हैं, जिन्होंने हिंदी से अटूट स्नेह किया। आज हिंदी इनपर गर्व करती है। 

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हमें हिंदी से प्यार है

हिंदी से प्यार है?
अभी कुछ मित्रों ने 'हिंदी से प्यार है' नामक एक समूह की स्थापना की है। अच्छा विचार है। उनकी कई योजनाएँ हैं। आप भी जुड़ना चाहें तो जुड़ सकते हैं। 'भारत-दर्शन' से तो आप जुड़े ही हुए हैं। आपके स्नेह के लिए आभार। 
दादू कह गए-- 
आसिक मासूक ह्वै गया, इसक कहावै सोइ। दादू...

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हिंदी ने मुझे बहुत कुछ दिया : डॉ॰ विवेकानंद शर्मा

नांदी के पास के एक गाँव में पैदा हुए डॉ॰ विवेकानंद शर्मा [1939 - 9 सितंबर 2006] फीज़ी में हिंदी के एक प्रतिष्ठित लेखक रहे हैं। फीजी के पूर्व युवा तथा क्रीडा मंत्री, सांसद डॉ॰ विवेकानंद शर्मा का हिंदी के प्रति गहरा लगाव रहा है। फीजी में हिंदी के विकास के लिए वह निरंतर प्रयत्नशील रहे। बचपन से ही वे...

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ऑकलैंड | नोर्थ आइलैंड, न्यूज़ीलैंड

आइए, इस बार हम आपको ऑकलैंड की सैर करवा दें।
ऑकलैंड का स्काई टॉवर
यदि आप न्यूज़ीलैंड की यात्रा पर आएं और आपने ऑकलैंड का स्काई टॉवर नहीं देखा तो समझिए आप की यात्रा अधूरी ही रह गई। स्काई टॉवर को ऑकलैंड शहर का चिन्हात्मक प्रारूप माना जाता है। 328 मीटर ऊँचा स्काई टॉवर न्यूज़ीलैंड की सबसे ऊंची मानव ...

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The Collected Work of Mahatma Gandhi - Vol 45 - Page 334

The Collected Works of Mahatma Gandhi - Vol 45 - Page 334
पिछले पृष्ठ का शेष भाग - केवल पहला पहरा।

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रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड का जीवन परिचय