रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड साहित्य Hindi Literature Collections

कुल रचनाएँ: 188

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हिंदी ने मुझे बहुत कुछ दिया : डॉ॰ विवेकानंद शर्मा

नांदी के पास के एक गाँव में पैदा हुए डॉ॰ विवेकानंद शर्मा [1939 - 9 सितंबर 2006] फीज़ी में हिंदी के एक प्रतिष्ठित लेखक रहे हैं। फीजी के पूर्व युवा तथा क्रीडा मंत्री, सांसद डॉ॰ विवेकानंद शर्मा का हिंदी के प्रति गहरा लगाव रहा है। फीजी में हिंदी के विकास के लिए वह निरंतर प्रयत्नशील रहे। बचपन से ही वे...

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मीना कुमारी की शायरी

दायरा, बैजू बावरा, दो बीघा ज़मीन, परिणीता, साहब बीबी और गुलाम तथा पाक़ीज़ा जैसी सुपरहिट फिल्में देने वाली अभिनेत्री मीना कुमारी को उनके अभिनय के लिए जाना जाता है। मीना कुमारी ने दशकों तक अपने अभिनय का सिक्का जमाए रखा था। 'मीना कुमारी लिखती भी थीं' इस बात का पता मुझे 80 के दशक में शायद 'सारिका' ...

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किसे नहीं है बोलो ग़म

साँसों में है जब तक दमकिसे नहीं है बोलो ग़म!
हँस-हँस यूं तो बोल रहे होपर आँखें हैं क्योकर नम !
उठो, इरादे करो बुलंद तूफ़ाँ भी जाएँगे थम !
चट्टानों से रखो इरादे तुम्हें डिगा दे किसमें दम!
कितनी भी बाधाएं आएंआत्म-शक्ति हो न कम!
उदय हो रहा सूरज देखोकहाँ बचेगा बोलो तम !
- रोहित कुमार 'हैप्पी'
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पहचान

अपनी गलीमोहल्ला अपना,अपनी बाणीखाना अपना,थी अपनी भी इक पहचान।
महानगर में बसे हुए हैंबड़े-बड़े हैं सभी मकान,फ़ीकी हँसी लबों पर रखतेसुंदर डाले हैं परिधान,भीड़भाड़ में ढूँढ रहे हैंखोई हुई अपनी पहचान।
- रोहित कुमार 'हैप्पी'

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कवि

तुम्हारी कलम मेंवो 'पीर' नहीं। तुमने शब्द गढ़े,जीये नहीं। तुम कवि तो हुएकबीर नहीं!
- रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
 

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भोपाल


भोपाल की स्थापना परमार राजा भोज ने की थी। राजा भोज ने 1010 से 1055 तक मालवा पर शासन किया था। उन्होंने भोजपाल की स्थापना की जिसे कालान्तर में 'भोपाल' के नाम से जाना जाता है।
परमार शासक राजा भोज को उनकी महान विजय और सांस्कृतिक कार्यों के कारण भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है व उनकी ...

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छोटी कविताएं

इस पृष्ठ पर रोहित कुमार हैप्पी की छोटी कविताएं संकलित की गयी हैं। 
कवि 
तुम्हारी कलम मेंवो 'पीर' नहीं। तुमने शब्द गढ़े,जीये नहीं। तुम कवि तो हुएकबीर नहीं! 
- रोहित कुमार 'हैप्पी'
 
स्पष्टीकरण 
हाँ, मैंने कहा था--अच्छे दिन आएँगे। कब कहा था, लेकिन -...

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कुछ मीठे, कुछ खट्टे अनुभव : 10वां विश्व हिंदी सम्मेलन

विश्व हिंदी सम्मेलन भव्य था। इसकी सराहना भी हुई, विरोध भी, आलोचना भी और जैसा कि होता आया है यह विवादों से परे भी नहीं था।
सम्मेलन आरम्भ होने से पहले ही यह विवादों के घेरे में आ गया था। इसका प्रतीक चिन्ह, इसकी वेब साइट और सरकारी कार्यप्रणाली! इन सब का विरोध व आलोचना पहले से ही शुरू हो गई थी। आइए...

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विश्व हिंदी सम्मेलन : आदि से अंत

दसवां विश्व हिंदी सम्मेलन 10-12 सितंबर 2015 तक भोपाल में आयोजित किया गया। यह सम्मेलन 32 वर्ष पश्चात् भारत में आयोजित किया गया था।
8 सितंबर को दसवें विश्व हिंदी सम्मेलन स्थल (माखनलाल चतुर्वेदी नगर) पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने  'हिंदी कल, आज और कल' प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी...

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हज़ल | हास्य ग़ज़ल

जा तू भी हँसता-बसता रह, अपनी कारगुज़ारी मेंबस मुझको भी खुश रहने दे अपनी चारदीवारी में
जा अपने सपनों को जी ले, तुझको अंबर छुना छू लेमुझको तो आनंद यहीं है, इन फूलों की क्यारी में
जाकर छप्पन भोग लगा ले, पीत्ज़ा-नूडल-बर्गर खा लेमुझको जन्नत मिल जाती है, अम्मा की तरकारी में
उसके तो हाय! हाथ नहीं हैं...

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हमारी इंटरनेट और न्यू मीडिया समझ

हमारी इंटरनेट और न्यू मीडिया समझ पर संकलित आलेख।
 
 

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शहीद पूछते हैं

भोग रहे जो आज आज़ादीकिसने तुम्हें दिलाई थी?चूमे थे फाँसी के फंदे, किसने गोली खाई थी?
बलिवेदी को शीश दिया थामौत से रची सगाई थी। क्या ‘ऐसी आज़ादी' खातिर हमने जान गंवाई थी?
मांग रहा था देश ख़ून जबकिसने प्यास बुझाई थी?देश के वीरों ने हँस-हँसकर काहे फाँसी खाई थी !
देश की खातिर मर मिटने की, कस...

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हमारे हिंदी पत्र समूहों की इंटरनेट समझ

दैनिक भास्कर (जून 16, 2015) में एक समाचार प्रकाशित हुआ, "EXCLUSIVE: भारत की साख पर GOOGLE का 'फन'। पहली बात तो यह है कि शीर्षक में जो 'अंग्रेज़ी-हिंदी' की खिचड़ी पकाई है वह किस तरह की भाषा के स्तर का प्रतिनिधित्व करती है? क्या हिंदी शब्दकोश इतना दिवालिया हो गया है कि दैनिक भास्कर वाले एक शीर्ष...

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जाने भी दो....चाँद में भी दाग होता है

कौन मेक्ग्रेगर, कौन वरान्निकोव?
भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में आयोजित दसवां विश्व हिंदी सम्मेलन (सितंबर 10-12) नि:संदेह भव्य था। इसकी भव्यता के दर्शन एअरपोर्ट से एअरपोर्ट से दिखने आरम्भ हो गए थे। मोदीजी के बड़ी-तस्वीरें लगी थी। होटल की राह पकड़ी तो झीलों की नगरी में स्वागत करती मोदीजी की एक और ...

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न्यूज़ीलैंड की भारतीय पत्रकारिता


यूँ तो न्यूज़ीलैंड में अनेक पत्र-पत्रिकाएँ समय-समय पर प्रकाशित होती रही हैं सबसे पहला प्रकाशित पत्र था 'आर्योदय' जिसके संपादक थे श्री जे के नातली, उप संपादक थे श्री पी वी पटेल व प्रकाशक थे श्री रणछोड़ क़े पटेल। भारतीयों का यह पहला पत्र 1921 में प्रकाशित हुआ था परन्तु यह जल्दी ही बंद हो गया।
एक...

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बदलते विश्व में बदलता भारत

कहा जाता है, ‘परिवर्तन सृष्टि का नियम है।‘ परिवर्तन और अनित्यता को समझ लेना ही ज्ञान प्राप्त करना है। जीवन में जन्म से लेकर मृत्यु तक क्या हम परिवर्तन का ही मार्ग तय करते हैं? या कहें कि हम एक नियत प्रवृत्ति के साक्षी बनते हैं कि इस संसार में सब कुछ नश्वर और क्षणभंगुर है। जो पैदा हुआ,...

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‘हम कौन थे, क्या हो गए---!’

किसी समय हिंदी पत्रकारिता आदर्श और नैतिक मूल्यों से बंधी हुई थी। पत्रकारिता को व्यवसाय नहीं, ‘धर्म' समझा जाता था। कभी इस देश में महावीर प्रसाद द्विवेदी, गणेशशंकर विद्यार्थी, माखनलाल चतुर्वेदी, महात्मा गांधी, प्रेमचंद और बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन' जैसे लोग पत्रकारिता से जुड़े हुए थे। प्र...

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भाई दूज


भाई-बहन का यह त्योहार इसमें छुपा हुआ है प्यार।
इक-दूजे पर करते नाज़भैया दूज आ गयी आज।
माथे पर चन्दन का टीका बहन बिना सब होता फीका।
भैया तुझको तिलक लगा दूँ चन्दा-सूरज तुझे दिला दूँ।
यह रिश्तों की है सौग़ातयाद रहे अम्मा की बात।
- रोहित कुमार 'हैप्पी'
 

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हू केयर्स?

अगस्त का महीना विदेश में बसे भारतीयों के लिए बड़ा व्यस्त समय होता है। कम से कम हमारे यहां तो ऐसा ही होता है। स्वतंत्रता दिवस की तैयारी पूरे जोरों पर रहती है। अनेक संस्थाएं स्वतंत्रता दिवस का आयोजन करती हैं। नहीं, मैं गलत लिख गया! दरअसल, स्वतंत्रता दिवस नहीं, ‘इंडिपेंडेंस डे'! 'स्वतंत्रता-दि...

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न्यूज़ीलैंड के दो द्वीप

न्यूज़ीलैंड दो द्वीपों में बंटा है - उत्तरी द्वीप व दक्षिण द्वीप। एक द्वीप से दूसरे द्वीप जाने के लिए हवाई यात्रा करें या समुद्री यात्रा - दोनों के बीच समुद्र होने के कारण थल-मार्ग नहीं है।
न्यूज़ीलैंड के विभिन्न नगर व पर्यटक स्थल
उत्तरी द्वीप (North Island) के प्रमुख स्थल हैं:
फांगारेईआकलैंडट...

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कलयुग में गर होते राम

अच्छे युग में हुए थे रामकलयुग में गर होते रामबहुत कठिन हो जाते काम!गर दशरथ बनवास सुनातेजाते राम, ना जाने जातेदशरथ वहीं ढेर हो जाते।कलयुग में गर होते राम, बहुत कठिन हो जाते काम!
गर जाना ही बन पड़ जातालछमन साथ कभी ना जाताराम अकेला ही रह जाता।सीता साथ चली भी जातीबन के दुख सहन ना पातीलौट के महलों मे...

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न्यूज़ीलैंड की हिंदी पत्रकारिता | FAQ

न्यूज़ीलैंड हिंदी पत्रकारिता - बारम्बार पूछे  जाने वाले प्रश्न | FAQ 
न्यूज़ीलैंड की हिंदी पत्रकारिता की चर्चा करने से पहले हमें इस देश में 'भारतीय पत्रकारिता' से भी परिचित होना आवश्यक होगा।
न्यूज़ीलैंड में भारतीय पत्रकारिता का आरंभ कब हुआ? 
यूँ तो न्यूज़ीलैंड में अनेक पत्र-पत्र...

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अमेरिका में हिंदी सर्वाधिक बोले जाने वाली भारतीय भाषा

अमेरिका जनगणना ब्यूरो ने अमरीका में बोली जाने वाली सभी भाषाओं के आंकड़े जारी किए हैं।
अमेरिका में बोले जाने वाली भारतीय भाषाओं में हिंदी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी बोलने वालों की संख्या लगभग 6.5 लाख है।

अमेरिका में हिंदी के अतिरिक्त अन्य भारतीय भाषाएं भी बोली जाती है। लगभग चार लाख...

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राजा ब्रूस और मकड़ी

[अनुवादित कथा-कहानी]
स्कॉटलैंड के राजा रोबर्ट ब्रूस ने अपने समय में कई युद्ध विजयी किए लेकिन एक बार वह अपने शत्रुओं से युद्ध में बुरी तरह पराजित हुआ।
उसके अधिकतर सैनिक मारे गए अथवा बंदी बना लिए गए। उसके महल पर शत्रु सेना का कब्जा हो गया। वह अपने परिवार से भी बिछड़ चुका था। ब्रूस अपनी जान ब...

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डिजिटल इंडिया | हास्य-व्यंग

वर्मा जी ने फेसबुक पर स्टेटस लिखा -'Enjoying in Dubai with family!'साथ में...पूरे परिवार का फोटो अपलोड किया था!
एक सप्ताह बाद लौटे तो पाया -चोरों ने पूरा घर साफ़ कर दिया !
वर्मा जी ने देखते ही ‘फेसबुक' पर लिखा -‘So sad! चोरों ने पूरा घर साफ़ कर दिया !'
फेसबकियों ने कमेंट्स दे-दे कर...

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रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड का जीवन परिचय