जा तू भी हँसता-बसता रह, अपनी कारगुज़ारी मेंबस मुझको भी खुश रहने दे अपनी चारदीवारी में
जा अपने सपनों को जी ले, तुझको अंबर छुना छू लेमुझको तो आनंद यहीं है, इन फूलों की क्यारी में
जाकर छप्पन भोग लगा ले, पीत्ज़ा-नूडल-बर्गर खा लेमुझको जन्नत मिल जाती है, अम्मा की तरकारी में
उसके तो हाय! हाथ नहीं हैं...
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