जब से हमने अपनी भाषा का समादर करना छोड़ा तभी से हमारा अपमान और अवनति होने लगी। - (राजा) राधिकारमण प्रसाद सिंह।

नया साल आया

 (बाल-साहित्य ) 
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रचनाकार:

 जयप्रकाश मानस | Jaiprakash Manas

नया साल आया
स्वागत में मौसम ने
नया गीत गाया
डाल-डाल झुकी हुई
महक उठे फूल-फूल
पवन संग पत्ते भी
देखो रहे झूल झूल
ईर्ष्या को त्याग दें
सबको अनुराग दें
सुख-दुख में साथ रहें
हाथों में हाथ में दें
आओ नए साल में
गीत नया गाएं
दया प्रेम करुणा को
जी भर अपनाएं ।।

-जयप्रकाश मानस
[जयप्रकाश मानस की बाल कविताएं]

 

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