यह कैसे संभव हो सकता है कि अंग्रेजी भाषा समस्त भारत की मातृभाषा के समान हो जाये? - चंद्रशेखर मिश्र।

जितना कम सामान रहेगा | नीरज का गीत

 (काव्य) 
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रचनाकार:

 गोपालदास ‘नीरज’

जितना कम सामान रहेगा
उतना सफ़र आसान रहेगा

जितनी भारी गठरी होगी
उतना तू हैरान रहेगा

उससे मिलना नामुमक़िन है
जब तक ख़ुद का ध्यान रहेगा

हाथ मिलें और दिल न मिलें
ऐसे में नुक़सान रहेगा

जब तक मन्दिर और मस्जिद हैं
मुश्क़िल में इन्सान रहेगा

‘नीरज' तो कल यहाँ न होगा
उसका गीत-विधान रहेगा

- नीरज

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