बिना मातृभाषा की उन्नति के देश का गौरव कदापि वृद्धि को प्राप्त नहीं हो सकता। - गोविंद शास्त्री दुगवेकर।

कार सरकार | हास्य

 (काव्य) 
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रचनाकार:

 शैल चतुर्वेदी | Shail Chaturwedi

नए-नए मंत्री ने 
अपने ड्राइवर से कहा— 
‘आज कार हम चलाएँगे।’ 

ड्राइवर बोला— 
‘हम उतर जाएँगे 
हुज़ूर, चलाकर तो देखिए 
आपकी आत्मा हिल जाएगी 
यह कार है, सरकार नहीं जो 
भगवान के भरोसे चल जाएगी।’ 

-शैल चतुर्वेदी

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