पराधीनता की विजय से स्वाधीनता की पराजय सहस्रगुना अच्छी है। - अज्ञात।

सफाई

 (काव्य) 
Print this  
रचनाकार:

 डॉ पुष्पा भारद्वाज-वुड | न्यूज़ीलैंड

पूछा हमसे किसी ने
तुम्हें अपनी सफाई में कुछ कहना है?
हमने भी इस प्रश्न पर कुछ गहराई से विचार किया।
नतीजा यही निकला कि
जब सफाई देने की ही नौबत आ गई
तो
फिर कहने या ना कहने से भी क्या फर्क पड़ता है?

--डा॰ पुष्पा भारद्वाज-वुड

 

Back

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें