कुछ न किसी से कहें जनाब अच्छा है चुप रहें जनाब
दुनिया बेहद जालिम है हंसके सब कुछ सहें जनाब
पत्थर से न सख्त रहें पानी बन के बहें जनाब
और कभी तो खोलें भी अपने मन की तहें जनाब
कुछ तो मज़बूती रखिये बालू से न ढहें जनाब
राजमहल को क्यों देखें जितना है खुश रहें जनाब
-रेखा राजवंशी, ऑस्ट्रेलिया
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