यह संदेह निर्मूल है कि हिंदीवाले उर्दू का नाश चाहते हैं। - राजेन्द्र प्रसाद। 

कुछ हाइकु

 (काव्य) 
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रचनाकार:

 आनन्द विश्वास | Anand Vishvas

मन की बात
सोचो, समझो और
मनन करो।

अपना घर
तन-मन-धन से
स्वच्छ बनाएं।

पानी या खून
हर बूँद अमूल्य
मत बहाओ।

गेंहूँ, जौ, चना
कैसे हो और घना
हमें सोचना।

-आनन्द विश्वास

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