यह संदेह निर्मूल है कि हिंदीवाले उर्दू का नाश चाहते हैं। - राजेन्द्र प्रसाद।
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आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहेअपने शाह-ए-वक़्त का यूँ मर्तबा आला रहे
देखने को दे उन्हें अल्लाह कंप्यूटर की आँखसोचने को कोई बाबा बाल्टीवाला रहे
तालिब-ए-शोहरत हैं कैसे भी मिले मिलती रहेआए दिन अख़बार में प्रतिभूति घोटाला रहे
एक जनसेवक को दुनिया में अदम क्या चाहिएचार छह चमचे रहें माइक रहे माला रहे
- अदम गोंडवी
Bharat-Darshan, Hindi literary magazine from New Zealand
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