जिस देश को अपनी भाषा और अपने साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। - देशरत्न डॉ. राजेन्द्रप्रसाद।
श्रमिक हाइकु (काव्य)    Print this  
Author:रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड

ये मज़दूर
कितने मजबूर
घर से दूर!

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करता श्रम
आएंगे अच्छे दिन
पाले है भ्रम!

- रोहित कुमार 'हैप्पी'

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