यदि पक्षपात की दृष्टि से न देखा जाये तो उर्दू भी हिंदी का ही एक रूप है। - शिवनंदन सहाय।
ख़बरदार | लघु-कथा (कथा-कहानी)    Print this  
Author:सआदत हसन मंटो | Saadat Hasan Manto

बलवाई मालिक मकान को बड़ी मुश्किलों से घसीटकर बाहर लाए।

कपड़े झाड़कर वह उठ खड़ा हुआ और बलवाइयों से कहने लगा, "तुम मुझे मार डालो, लेकिन ख़बरदार, जो मेरे रुपए-पैसे को हाथ लगाया...!"

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Hindi Laghu Katha (Short Story) by Saadat Hasan Manto

सआदत हसन मंटों की लघु-कथाएं

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