जब हम अपना जीवन, जननी हिंदी, मातृभाषा हिंदी के लिये समर्पण कर दे तब हम किसी के प्रेमी कहे जा सकते हैं। - सेठ गोविंददास।
गांव पर हाइकु  (काव्य)    Print this  
Author:डॉ रामनिवास मानव | Dr Ramniwas Manav

डॉ. 'मानव' हाइकु, दोहा, बालकाव्य तथा लघुकथा विधाओं के सुपरिचित राष्ट्रीय हस्ताक्षर हैं तथा विभिन्न विधाओं में लेखन करते हैं। गांव पर लिखे उनके कुछ हाइकु यहाँ दिए जा रहे हैं:


दूध न पानी,
आज हर गांव की
यही कहानी

#

आज किसान
सबका अन्नदाता
है परेशान।

#

पीपल-नीम :
हैं गंवई--गांव के
सस्ते हकीम।

#

रामसिंगारु
करे काम न धंधा
चाहिए दारु।

-डॉ रामनिवास मानव

 

Previous Page  |  Index Page  |   Next Page
 
Post Comment
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश