यह संदेह निर्मूल है कि हिंदीवाले उर्दू का नाश चाहते हैं। - राजेन्द्र प्रसाद।
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हार और जीत भोगते हैं तीनों ही - अनाड़ी, जुगाड़ी और खिलाड़ी। अनाड़ी को हारने परआती है शर्म।
जुगाड़ी गुस्साता है, लेकिनखिलाड़ी हार से भी कुछ नया सीख जाता है;इसलिए हारकर भी जीत जाता है।
खेल हार-जीत में नहीं है खेल ये है कि आप -खेल खेलते हैं।
- रोहित कुमार 'हैप्पी'
Bharat-Darshan, Hindi literary magazine from New Zealand
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